इराक में जारी हिंसा के बीच भारत सरकार आज से इराक में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने का काम शुरू कर देगी। इस सिलसिले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खाड़ी देशों में तैनात भारत के राजदूतों से मुलाकात की। फंसे लोगों को वापस लाने के लिए सरकार कमर्शियल फ्लाइट्स की मदद लेगी।

मोसुल में अगवा कुछ भारतीयों के परिजनों ने भी सुषमा से मुलाकात की। इस बीच इराक में आइएसआइएस और इराक सरकार की सेना के बीच जंग और तेज हो गई है। सरकार ने इस लड़ाई में रूसी सुखोई विमान भी लगा दिए हैं। इराक सरकार की पूरी कोशिश राजधानी बगदाद से आतंकियों को दूर रखने की है।

रविवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खाड़ी देशों में तैनात भारत के राजदूतों की दिल्ली में बैठक बुलाई। बैठक में बहरीन, कतर, ओमान, कुवैत, सउदी अरब और अमीरात में भारत के राजदूत शामिल थे।

तीन घंटे तक चली इस माथापच्ची का मुद्दा था-इराक में फंसे भारतीय। सरकार अब इस काम में बैक डोर चैनल्स की भी मदद ले रही है। विदेश मंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि हिंसाग्रस्त इलाके से अगवा भारतीयों को तत्काल लाना संभव नहीं।

सुषमा ने कहा कि जो लोग अपहृत हैं उनसे हमारा सीधा संपर्क नहीं हो पाया है। अगर उनका संपर्क हो भी जाता है तो उन्हें तुरंत नहीं निकाल सकते लेकिन एक बार उनसे बात हो जाए तो हम उन्हें तसल्ली दे सकते हैं। फिलहाल तय किया गया कि सोमवार से कमर्शियल फ्लाइट्स के जरिए भारतीयों को वापस लाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। सरकार की मानें तो तिकरित में राजनयिक उन भारतीयों से संपर्क कर रहे हैं जो वापस आना चाहते हैं या जिनके पास टिकट के पैसे नहीं हैं या फिर कांट्रेक्ट वीजा में उलझे हैं। सरकार ने खाड़ी देशों में भारतीयों के वेलफेयर फंड से इराक में फंसे नागरिकों की मदद का फैसला किया है। भारतीयों की मदद के लिए नए कैंप खोले जा रहे हैं तो वहीं बगदाद में दूतावास की मदद के लिए मोबाइल यूनिट बनाई जा रही हैं। फिलहाल हिंसाग्रस्त इलाके में फंसी 46 भारतीय नर्स सुरक्षित बताई जा रही हैं लेकिन आसपास के इलाके में फायरिंग जारी है। जिन इलाकों में हिंसा नहीं फैली है वहां से भी भारतीयों को निकालने के लिए नौसेना और वायुसेना अलर्ट पर हैं। अगवा 39 भारतीयों के बारे में सरकार को कुछ नई जानकारी मिली है जिस पर काम किया जा रहा है। सरकार ने अगवा लोगों के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।