ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ब्राजील पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री के रूप में मोदी हर उस संगठन को मजबूत करना चाहते हैं जो अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर भारत की अहमियत को बढ़ाएगा। सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस अवसर को क्षेत्रीय संकट दूर करने, सुरक्षा खतरों से निपटने और शांति व स्थिरता कायम करने के रूप में देखते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि ब्रिक्स सम्मेलन में विकास बैंक बनाने और आकस्मिक फंड को अमलीजामा पहनाने का प्रयास होगा। उनका कहना था कि वह इस मौके का विकास का खाका खींचने के लिए भी इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे।

ध्यान रहे कि ब्रिक्स विकास बैंक का मुख्यालय बनाने को लेकर दिल्ली और चीन के शंघाई में प्रतिस्पर्धा है। ब्रिक्स देशों का शिखर सम्मेलन 15-16 जुलाई को फोर्टालेजा और ब्रजीलिया में होना है। विदेश नीति मोदी सरकार के एजेंडे में ऊपर है। इसका इजहार सरकार गठन के साथ ही किया जा चुका है। सरकार के एक अहम अधिकारी का कहना है कि अमेरिका जैसा ताकतवर देश पूरे लैटिन अमेरिका को अपना पड़ोसी ही मानता है और उसी नजरिए से व्यवहार भी करता है। दरअसल अपने आसपास के देशों में अहमियत ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किसी देश की ताकत बनाता है।

सार्क देशों के लिए प्रधानमंत्री के नजरिए ने माहौल बदलना शुरू कर दिया है। ब्रिक्स भी एक अहम मंच है। लिहाजा आशा जताई जा रही है प्रधानमंत्री मोदी यहां से भी भारत की मजबूती का संकेत देने की कोशिश करेंगे। गौरतलब है कि ब्रिक्स में भारत के साथ साथ ब्राजील, चीन, रूस और दक्षिण अफ्रीका शामिल है। इसका संयुक्त भूभाग विश्व का तकरीबन एक चौथाई है और आबादी लगभग 40 फीसद है। जर्मनी के रास्ते ब्राजील के लिए रवाना होने से पहले मोदी ने कहा- ‘वैश्रि्वक अर्थव्यवस्था में कमजोरी और जोखिम विद्यमान है। अनेक उभरती हुई अर्थव्यवस्था में सुस्ती छाई हुई है। जिसने सतत आर्थिक विकास की राह में चुनौती बढ़ा दी है। हम 2015 के बाद विकास के कार्यक्रम का खाका खींचने में सफल होंगे। इस पर संयुक्त राष्ट्र में चर्चा हो रही है।’

गौरतलब है कि सरकार गठन के बाद पहली बार मोदी चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्र प्रमुखों से मिलेंगे। उनके साथ प्रतिनिधिमंडल में वित्त राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एके डोभाल, विदेश सचिव सुजाता सिंह और वित्त सचिव अरविंद मायाराम शामिल हैं। माना जा रहा है कि सम्मेलन के अलावा मोदी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जूमा और ब्राजील के राष्ट्रपति डिलमा राउजेफ से चर्चा करेंगे।