इलाहाबाद। गंगा को निर्मल बनाने के दावे हवा हो रहे हैं। ऐसा तब जब माघ मेला सिर पर हैं। तमाम कवायद फेल हो रही है। सीवर का पानी लगातार गंगा में उड़ेला जा रहा है। यह बातें बुधवार को हाईकोर्ट में गंगा प्रदूषण मामले के एमिकस क्यूरी एके गुप्ता के निरीक्षण में छनकर सामने आईं।इस दौरान राजापुर एसटीपी से क्षमता से अधिक पानी गंगा में जाता दिखा। वहीं नालों के अभी तक ट्रैप न होने पर भी चिंता जताई गई। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) कैसे काम कर रहे हैं। नाले ट्रैप किए गए हैं या नहीं, इन बातों की हकीकत खंगालने बुधवार को एमिकस क्यूरी एके गुप्ता ने संगम क्षेत्र का निरीक्षण किया। सबसे पहले वह छावनी क्षेत्र गए। वहां संबंधित अधिकारी ने उन्हें बताया कि एसटीपी का निर्माण अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। यहां से निकले नाले जल्द ही ट्रैप कर दिए जाएंगे। वहां से वह राजापुर एसटीपी गए।

जहां नजारा आश्चर्यजनक दिखा। 30 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी से 83 एमएलडी पानी गंगा में जा रहा था। एसटीपी के बगल स्थित नाले से 25 एमएलडी पानी गंगा में जा रहा था। यानी कि एक ही स्थान से 100 एमएलडी अशोधित पानी गंगा में जाते दिखा। यह हाल तब है जब केंद्रीय मंत्री उमा भारती गंगा का निरीक्षण कर चुकी हैं और अधिकारियों को हर हाल में नालों के पानी को गंगा में गिरने से रोकने का निर्देश दे चुकी हैं। निरीक्षण के दौरान एमिकस क्यूरी के साथ पूर्व पार्षद कमलेश सिंह, देवेंद्र तिवारी और मो. इकबाल आदि शामिल रहे। एमिकस क्यूरी अपनी निरीक्षण रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौपेंगे। ये दुखद है कि माघ मेला शुरू होने में अब चंद दिन है और प्रदूषण कम नहीं हो रहा।