हरियाणा की बेटियों का गाया एक गीत देशभर में सुपरहिट , ‘बता मेरे यार सुदामा रै, भाई घणे दिनां मं आया…’
पानीपत।
इन दिनों हरियाणा की बेटियों का गाया एक गीत क्या यू-ट्यूब, क्या फेसबुक, व्हाट्सऐप्प या कोई दूसरी साइट्स सभी पर छाया हुआ है। हो भी क्यों न इनकी आवाज में वो कशिश है कि जो भी सुनता है, दीवाना हो जाता है। हर कोई इस भजन के वीडियो को शेयर कर रहा है। इस गीत के बोल हैं, ‘बता मेरे यार सुदामा रै, भाई घणे दिनां मं आया…’
देशभर में सुपरहिट हुए इस गीत के बोल हैं, ‘बता मेरे यार सुदामा रै, भाई घणे दिनां मं आया…’, जिसे हरियाणा में रोहतक जिले के सांघी गांव के डॉ. स्वरूप सिंह गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति स्कूल की 9वीं, 10वीं और 11वीं की छात्राओं विधि, ईशा, शीतल, मनीषा, मुस्कान और रिंकू ने गाया है। भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती पर गाए गए इस गीत को अब तक लाखों लोग सुन चुके हैं।
– संगीत के साथ पढ़ाई में भी अव्वल ठेठ देहाती परिवेश की इन पांचों बच्चियों को पूरा देश सराह रहा है और ये बच्चियां अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता और म्यूजिक टीचर सोमेश जांगड़ा को देती हैं।
पहली बार यहां गाया विधि ने ये भजन
– मुख्य गायिका विधि बताती हैं कि यह भक्ति गीत उसकी मां संतोष ने रिठाल गांव में हुए सत्संग में सुना था और मां ने ही उसे गीत को लिखकर दिया था। उसने फरवरी 2016 में पहली बार स्कूल की बाल सभा में इसे गाकर इनाम जीता था।
– विधि ने बताया कि उसके बाद म्यूजिक टीचर सोमेश जांगड़ा ने मेरे यार सुदामा रै…गीत को मार्च में रीमिक्स सॉन्ग का रूप देकर रियाज करवाया। फिर 12 अप्रैल 2016 को पहली बार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के टैगौर सभागार में यह रीमिक्स गीत गाया।
– इसे सुनकर गीता मर्मज्ञ स्वामी ज्ञानानंद ने नैतिक शिक्षा पुस्तक के विमोचन अवसर पर इस गीत को सुनाने का निमंत्रण दिया। गीत सुनकर कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने उन्हें 31000 रुपए का पुरस्कार दिया।
– विधि ने बताया कि उसके बाद म्यूजिक टीचर सोमेश जांगड़ा ने मेरे यार सुदामा रै…गीत को मार्च में रीमिक्स सॉन्ग का रूप देकर रियाज करवाया। फिर 12 अप्रैल 2016 को पहली बार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के टैगौर सभागार में यह रीमिक्स गीत गाया।
– इसे सुनकर गीता मर्मज्ञ स्वामी ज्ञानानंद ने नैतिक शिक्षा पुस्तक के विमोचन अवसर पर इस गीत को सुनाने का निमंत्रण दिया। गीत सुनकर कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने उन्हें 31000 रुपए का पुरस्कार दिया।
यहां भी है उपलब्ध
– जब यह गीत हरियाणा में हर आदमी की जुबान और मोबाइल पर जादू करने लगा तो 31 जनवरी 2017 को इसे यू-ट्यूब पर अपलोड कर दिया गया और इस एक सप्ताह में इस गीत को लगभग 4 लाख लोग देख-सुन चुके हैं। इसके अलावा कई म्यूजिक साइट पर भी इसके 32 हजार के करीब व्यूवर्स हैं।
ये हैं इन छात्राओं के परिवार
– विधि ने बताया कि वह घिलौड़ गांव से है, जबकि गीत में साथ देने वाली ईशा रूखी, शीतल, मनीषा और मुस्कान जसिया एवं रिंकू सांघी गांव की रहने वाली हैं। विधि नौवीं, ईशा, मनीषा, मुस्कान, रिंकू 10वीं और शीतल 11वीं कक्षा में पढ़ रही है।
– उनके परिवार वाले खेती-बाड़ी करते हैं। इसी से गुजर-बसर चलता है। ईशा के पिता गांव में ही किरयाने की दुकान चलाते हैं। मुस्कान के पिता आर्मी में हैं तो रिकूं के पिता गांव में ही मिस्त्री का काम करते हैं।
प्रिंसिपल ने कहा-दिल जीत लिया
स्कूल में करीब 31 गांवों के 1800 बच्चे पढ़ते हैं। तकरीबन सभी बच्चे प्रतिभा के धनी हैं। विधि, रिंकू, ईशा, शीतल, मनीषा और मुस्कान के इस गीत ने सभी का दिल जीत लिया है। छात्राओं ने स्कूल के साथ गांव, माता- पिता और जिले का नाम भी रोशन किया है। -जयपाल दहिया, प्रिंसिपल, डॉ. स्वरूप सिंह गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति स्कूल सांघी।





