मक्‍का। हज यात्रा के दौरान शैतान को पत्‍थर मारने की प्रथा के दौरान भगदड़ हो गई। इस हादसे में मृतकों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। शुरू में 150 लोगों की मौत की खबर आई थी, लेकिन जल्द ही यह आंकड़ा बढ़कर 310 हो गया। घायलों की संख्या 450 से ज्यादा बताई गई है। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इस यात्रा में कोई भारतीय भी घायल है या उसकी मौत हुई है।

सऊदी अधिकारियों ने चार हजारों राहतकर्मियों को लगाया है। 220 एंबुलेंस घायलों को अस्पताल ले जाने का काम कर रही हैं।

हज की अदायगी का आज आखिरी दिन है और आज मक्का में ईद का दिन है। हाजी आज ही के दिन मैदान ए अराफात से वापसी के बाद मुजदलफा में शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदा करते हैं। सऊदी अरब में आज ईद मनाई जा रही है।

इस साल हज के लिए 1.30 लाख भारतीय हज पर गए हैं। यह संख्‍या किसी भी अन्‍य देश से हज यात्रा पर गए ना‍गरिकों की संख्‍या में सर्वाधिक है।

ऐसा पहली बार नहीं है कि जब शैतान को पत्‍थर मारने की प्रथा के दौरान ऐसा हादसा हुआ हो। इससे पहले वर्ष 2006 में इसी प्रथा के दौरान हुई भगदड़ में 350 से ज्‍यादा मौते हुईं थीं। वर्ष 2004 में 251 की मौत, 244 घायल, वर्ष 2003 में 14 की मौत, वर्ष 2001 में 35, वर्ष 1998 में 118 की मौत व 180 घायल और वर्ष 1994 में 270 लोगों की मौत हुई थी।