सरकार का पहला कर्तव्य, वह कानून का शासन बरकरार रखे-दत्तू
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एच. एल दत्तू ने कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से जनता द्वारा चुनी गई हर सरकार का पहला कर्तव्य है कि वह देश में कानून के शासन को बरकरार रखे और नागरिकों की विभाजनकारी तत्वों से सुरक्षा करे। वर्तमान सरकार भी अलग नहीं है। इस सरकार को भी कानून के शासन को बर करार रखने के लिए ही जनादेश हासिल हुआ है। मेरा विश्वास है कि वह विभाजनकारी तत्वों पर लगाम कसने के लिए पर्याप्त कदम उठा रही है और नागरिकों को सं विधान से मिले मूलभूत अधिकार सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है।
एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में मुख्य न्यायाधीश दत्तू ने कहा भारत ऎसा देश है, जहां कानून का शासन है, इसे सबसे अधिक महत्व देना चाहिए। अदालतों को भी कानून के शासन को बरकरार रखने के लिए हर प्रयास करना चाहिए। अदालतों को ऎसे मामलों में कड़ा रूख अपनाना चाहिए, जिनमें घृणा के चलते किसी को पीडित किया गया हो। मुख्य न्यायाधीश दत्तू ने कहा कि देश की अदालतों को ऎसे लोगों के खिलाफ कड़ा रवैया अपनाना होगा जिनके खिलाफ पुलिस ने घृणाजनित अपराधों में चार्जशीट दाखिल की हो।
मुख्य न्यायाधीश अदालतों को कड़ा रूख अपनाने की सलाह राज्य सरकारों के पक्ष को मजबूत कर सकती है। उनकी यह टिप्पणी देश में “घृणा” के चलते लोगों को मौत के घाट उतारने की कई घटनाओं के संदर्भ में मानी जा रही है। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि देश की विभिन्न हाईकोर्ट्स में 100 से अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए पूर्व में कॉलेजियम ने सिफारिश की थी। पांच सदस्यीय संविधान पीठ द्वारा राष्ट्रीय नियुक्ति आयोग को असंवैधानिक ठहरा दिए जाने के बाद इन नियुक्तियों को फिर से कॉलेजियम द्वारा क्लीयर किया जाएगा।




