नई दिल्ली। दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित देशों के लोग जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा डरे हैं। इसमें भारतीय भी पीछे नहीं हैं। वह भी अलनीनो के प्रभाव से चिंतित हैं। दक्षिणी प्रशांत के देश फिजी, तुवालु, समोआ और वानुअतु के लोग समुद्र जलस्तर, पानी की कमी, जलवायु परिवर्तन से होने वाले प्रभाव जैसी जानकारी इंटरनेट पर खूब खोज रहे हैं। ये वही देश हैं जिन पर सूखे और समुद्र का जलस्तर बढ़ने से डूबने का सबसे ज्यादा डर है। इसका खुलासा गूगल ट्रेंड के विश्लेषण पर आधारित वेबसाइट मैशेब की हाल ही में जारी रिपोर्ट से हुआ है।

ऎसे तैयार की रिपोर्ट

12 महीने में गूगल पर सर्च की गई सामग्री के आधार पर यह अध्ययन किया गया, जिसमें यह जानने की कोशिश की गई कि दुनिया में किस देश के लोग जलवायु परिर्वतन को लेकर सबसे ज्यादा या सबसे कम दिलचस्पी ले रहे हैं।

भारत 119वें स्थान पर

जलवायु परिवर्तन संबंधी सामग्री गूगल पर सर्च करने में 210 देशों की सूची में भारत का 119वां स्थान है। पाकिस्तान 116, नेपाल 20 और श्रीलंका 102वें स्थान पर है।

सबसे कम रूस, सीरिया में सर्च

यमन, सीरिया, यूक्रेन, रूस व इराक के लोग प्रकृति के इस प्रकोप के बारे में कम दिलचस्पी रखते हैं, जबकि सीरिया में छिड़े गृहयुद्ध में कई साल से पड़ रहा सूखा बड़ा कारण था।

फिलीपींस पर खतरा

दुनिया के जिन शहरों में सबसे ज्यादा सर्च हो रहा है, उनमें फिलीपींस के भी दो शहर शामिल हैं। वर्तमान में यह देश प्रकृति आपदाओं के प्रकोप से जूझ रहा है। मनीला में कई बार तूफान आने और ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं हुई हैं। इसलिए इस देश में जलवायु परिवर्तन पर बहस छिड़ गई है।