विदेशी मीडिया का आकलन- कर्नाटक का शक्ति परीक्षण का असर पड़ सकता है केंद्र सरकार पर
बता दें कि कर्नाटक में 222 सीटों पर हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भाजपा को 104 सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस को 78 तो जेडीएस के हाथ 38 सीटे आई हैं। जबकि 2 सीटें अन्य के खाते में गई हैं।
चुनाव नतीजे आने के बाद से राज्य में एक तरफ भाजपा तो दूसरी तरफ कांग्रेस जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा कर रही है। इसके चलते पूरे देश में इस बात पर नजर है कि यहां सरकार किसकी बनेगी। राज्य में मिनट-मिनट पर समीकरण बदल रहे हैं।
राज्यपाल के भाजपा को न्योता देने के बाद गुरुवार को येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। साथ ही राज्यपाल ने भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था। इसके खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कल यानि शनिवार को 4 बजे तक दोनों ही पार्टियों को अपना बहुमत साबित करना होगा। इसलिए अब सबकी नजर कल होने वाले शक्ति परीक्षण पर है।
माना जा रहा है कि अगर भाजपा शनिवार को बहुमत साबिक नहीं कर पाती है तो पीएम मोदी की साख को झटका लग सकता है। उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान राज्यों में सरकार बनाने के बाद पीएम मोदी का देश में काफी ग्राफ बढ़ा था। यह पीएम मोदी की ही बात है जो आज देश के 21 राज्यों में भाजपा ने अपनी सरकार बना रखी है।
दक्षिण भारत में फिलाहाल भाजपा की कहीं भी सरकार नहीं है। भाजपा अगर कर्नाटक में सरकार बना लेती है तो यह दक्षिण का पहला राज्य होगा जहां इनकी सरकार होगी। यही नहीं इसका सीधा-सीधा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी फायदा मिलेगा। इस राज्य के बहाने भाजपा दक्षिण भारत के वोटों को भी साधेगी।





