वायुसेना का सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान दुर्घटनाग्रस्त
अप्रत्याशित और रहस्यमय तरीके से हुए हादसे में वायुसेना का सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान शुक्रवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ग्वालियर के नजदीक हुई दुर्घटना में चार अधिकारियों समेत पांच वायुसेना कर्मियों की मौत हो गई। आगरा से सुबह 10 बजे प्रशिक्षण अभियान परउड़ा यह विमान 11:30 बजे चंबल के बीहड़ में जा गिरा। दुनिया के सबसे सुरक्षित परिवहन विमानों में शामिल एक हजार करोड़ रुपये मूल्य के इस सुपर हरक्यूलिस विमान का भारत में यह पहला हादसा है। वायुसेना मुख्यालय ने दुर्घटना पर जांच के आदेश दे दिए हैं।
इस बड़े झटके पर रक्षा मंत्री एके एंटनी ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा से कैफियत तलब की है। साथ ही जल्द इसकी जांच कर दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कहा है। वायुसेना की नई रणनीतिक ताकत माने जा रहे इस विमान की दुर्घटना ने देश को एक झटके में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगा दिया है। दुर्घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार देते हुए वायुसेनाध्यक्ष ने कहा कि सी-130 जे एक उन्नत विमान है जिसका इस्तेमाल हमने कई चुनौतीपूर्ण मिशन में किया है। इसके परिचालन के लिए अनुभवी पायलटों को जिम्मेदारी दी जाती है। हादसे में अपने पांच लोगों को खोने वाली वायुसेना के लिए यह दुख की घड़ी है। दुर्घटना में दो विंग कमांडर स्तर के अधिकारी, दो स्क्वाड्रन लीडर और एक वारंट ऑफीसर शहीद हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार दुर्घटना के वक्त विमान जमीन से काफी कम ऊंचाई पर टेक्टिकल फ्लाइंग कर रहा था। दुर्घटना से पहले चालक दल को किसी समस्या को बताने या संदेश देने का मौका भी नहीं मिला। विमान और चालक दल गाजियाबाद के करीब हिंडन में तैनात वायुसेना की 77 स्क्वाड्रन का था। उल्लेखनीय है कि दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान का प्रयोग उत्तराखंड में बीते साल आई प्राकृतिक आपदा में राहत-बचाव मिशन में भी किया गया था। इसके अलावा चीन सीमा से सटी दौलत बेग ओल्डी की हवाई पंट्टी पर भी बीते साल इसे उतारा गया था।
अति सुरक्षित माना जाता है यह विमान
सुरक्षा के अनेक इंतजामों से लैस सुपर हरक्यूलिस विमान का गिरना कई गंभीर सवाल खड़े करता है। चार इंजन से लैस यह विमान तीन इंजन खराब होने पर भी सुरक्षित उतरने की काबिलियत रखता है। वहीं दुनिया में इसकी दुर्घटना की संख्या भी अन्य परिवहन विमानों के मुकाबले काफी कम है। भारतीय वायुसेना 2010 से सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमानों का इस्तेमाल कर रही है। दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान अप्रैल, 2011 से भारतीय वायुसेना के पास था। भारत ने करीब छह हजार करोड़ रुपये की लागत से अमेरिका से छह सुपर हरक्यूलिस विमान खरीदे थे। वहीं छह नए विमानों की खरीद का भी गत दिनों ऑर्डर दिया गया है।
उत्तराखंड आपदा में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था एमआइ 17
इससे पहले वायुसेना का मालवाही एमआइ 17 हेलीकॉप्टर गत वर्ष 25 जून को उत्तराखंड आपदा के बाद राहत अभियान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस दुर्घटना में कुल 20 लोग मारे गए थे। सन 2009 में एन-32 विमान की दुघर्टना में 15 लोग मारे गए थे।
वायुसेना ने खोए पांच जांबाज
– विंग कमांडर प्रशांत जोशी
– विंग कमांड रमेश नायर
– स्क्वाड्रन लीडर कौशिक मिश्रा
– स्क्वाड्रन लीडर आशीष यादव
– वारंट अफसर कृष्णपाल सिंह
जनरल जिया भी मारे गए थे ऐसे विमान हादसे में
दुनिया के 15 से अधिक देश इस विमान का इस्तेमाल कर रहे हैं। काफी सुरक्षित माने जाने वाले सैन्य परिवहन विमानों में से एक सी-130 विमानों की दुर्घटनाएं बहुत कम हुई हैं। पाकिस्तान के सैन्य शासक जनरल जिया उल हक की मौत अगस्त 1988 में सी-130 विमान हादसे में ही हुई थी।
सुपर हरक्यूलिस विमान
हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट वायुसेना का सबसे बड़ा मालवाहक विमान है। इस क्राफ्ट में चार इंजन होते है। अधिकांश देशों की वायुसेना मालवाहक के रूप में इस एयरक्राफ्ट का प्रयोग करती है। इस मालवाहक एयरक्राफ्ट का निर्माण लॉकहिड कंपनी करती है। इस कंपनी ने अपना पहला एयरक्राफ्ट 23 अगस्त 1954 को उड़ाया था। 1999 में विभिन्न देशों ने इस एयरक्राफ्ट की विशेषता को सराहा। इस एयरक्राफ्ट के लगभग 9 मॉडल हैं।




