b केजीएमयू, ट्रॉमा सेंटर के बाल रोग विभाग में बृहस्पतिवार को वेंटिलेटर नहीं मिलने से दिमागी बुखार से पीड़ित बच्ची की मौत हो गई। बच्ची का इलाज गोमतीनगर के निजी अस्पताल में चल रहा था। दोपहर बारह बजे हालत बिगड़ने पर उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया था। ट्रॉमा सेंटर में केवल चार बेड की वेंटिलेटर यूनिट है। बाराबंकी देवा, के मो. हसन की बेटी आफरीन (8) को दिमागी बुखार की शिकायत पर पांच दिन पहले गोमतीनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।परिवारीजन मो. अय्यूब ने बताया कि बृहस्पतिवार को आफरीन की हालत बिगड़ गई। इस पर डॉक्टरों ने तुरंत वेंटिलेटर की जरूरत बताई। आनन-फानन दोपहर करीब एक बजे उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। कैजुअलिटी में डॉक्टरों ने ऑक्सीजन लगा दी।जानकारी पर पता चला कि चार बेड की बाल रोग विभाग की वेंटिलेटर यूनिट फुल है। इस पर डॉक्टरों ने बच्ची को दूसरे सेंटर ले जाने की सलाह दी।परिवारीजन बच्ची को स्ट्रेचर पर बाहर लाए तभी उसकी सांस उखड़ने लगी और बेहोश हो गई। इस पर आफरीन को दोबारा कैजुअलिटी लाया गया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।