भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पांच वन-डे मैचों की सीरीज 11 अक्टूबर से कानपुर में प्रारंभ होगी। ट्‍वेंटी-20 सीरीज जीतने और अब डेल स्टेन और मोर्ने मॉर्केल जैसे धुरंधर गेंदबाजों के टीम से जुड़ने की वजह से दक्षिण अफ्रीकी टीम के हौंसले बुलंद होंगे।

स्टेन और मोने मॉर्केल निश्चित रूप से भारत की परेशानी को बढ़ाएंगे। द. अफ्रीका ने प्रमुख गेंदबाजों की अनुपस्थिति के बावजूद टी-20 सीरीज 2-0 से अपने नाम की थी। इस वजह से अब एबी डी’विलियर्स की अगुआई में जब प्रोटिज टीम वन-डे सीरीज के लिए मैदान में उतरेगी तो स्टेन और मोर्ने की उपस्थिति उनके लिए टॉनिक का काम करेगी।

दुनिया के नंबर एक तेज गेंदबाज स्टेन अभी तक 107 वन-डे मैचों में 25.89 की औसत से 165 विकेट हासिल कर चुके है। उनका भारत के खिलाफ रिकॉर्ड अच्छा रहा है और उन्होंने 13 वन-डे में 20.66 की औसत से 24 विकेट झटके हैं। भारत के खिलाफ उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नागपुर में 50 रनों पर 5 विकेट झटकना रहा है। स्टेन को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी खेलने का अनुभव रहा है और इसके चलते वे घरू टीम के लिए प्रमुख खतरा रहेंगे।

मोर्ने मॉर्केल 100 वन-डे में अभी तक 169 विकेट झटक चुके हैं। भारत के खिलाफ उन्होंने 11 मैचों में 21.83 की औसत से 18 विकेट हासिल किए। वैसे तो मॉर्केल भारत में अभी तक ज्यादा सफल नहीं हो पाए है, इसी के चलते इस बार उन पर बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव रहेगा। मॉर्केल एक बार चल पड़े तो उन्हें रोकना मुश्किल होता है।

टीम इंडिया वैसे तो भले ही वन-डे में दो बार विश्व कप विजेता है, लेकिन इस प्रारूप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसका रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। इस वजह से धोनी के धुरंधरों को वन-डे सीरीज में अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए पूरी ताकत लगानी होगी।