मोदी-शिवराज के सामने फीके पड़े भाजपा के सितारे
चुनाव में फतह के लिए एड़ी -चोटी का जोर लगा रही भाजपा के स्टार प्रचारकों की मध्यप्रदेश में डिमांड नहीं है। यहां नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने सभी प्रचारक फीके हैं। पार्टी के ज्यादातर स्टार प्रचारक स्वयं चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए वे अपने क्षेत्र में ही सिमट कर रह गए हैं। बाकी नेताओं की डिमांड ही नहीं निकल रही, इसलिए प्रचार की कमान अकेले शिवराज ही संभाल रहे हैं।
प्रदेश में मिशन 29 को सफल बनाने के लिए भाजपा ने चुनावी रणनीति के साथ राष्ट्रीय नेताओं को हर सीट पर घुमाने की योजना बनाई थी। इसके लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव आयोग को भी सौंपी गई, लेकिन यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। प्रदेश में केवल मोदी और शिवराज की ही सर्वाधिक डिमांड है। पहले चरण के मतदान के दौरान मोदी ने प्रदेश में सर्वाधिक 7 चुनावी सभाओं के लिए समय दिया, लेकिन दूसरे चरण में वह मप्र को बिल्कुल समय नहीं दे पाए। इसलिए यहां सभी सीटों पर चुनाव प्रचार की कमान अकेले शिवराज ही संभाल रहे हैं।
नहीं निकल रही डिमांड
राज्य की 29 सीटों पर तीन चरणों में होने वाले मतदान के लिए पहला चरण संपन्न हो चुका है। दूसरे चरण का प्रचार मंगलवार को थम जाएगा। इस दौरान पार्टी के 40 स्टार प्रचारकों में से मुख्यमंत्री को छोड़ अब तक केवल 4-5 स्टार प्रचारकों की गिनी-चुनी चुनावी सभाएं ही हो पाई हैं।
गिने-चुने नेता ही पहुंचे
प्रदेश में अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की चार सभाएं हो चुकी हैं और वैंकेया नायडू उज्जैन-इंदौर में सभा ले चुके हैं। इनके अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र तोमर और वरिष्ठ नेत्री सुषषमा स्वराज अपने निर्वाचन क्षेत्र ग्वालियर व विदिशा के अलावा अन्य क्षेत्रों में जाकर प्रचार कर चुके हैं। वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का 10 अप्रैल को कार्यक्रम बनाया गया था लेकिन उनका दौरा रद्द हो गया।
ये हैं स्टार प्रचारक
अरुण जेटली, मुरली मनोहर जोशी, अनंत कुमार, उमा भारती, रविशंकर प्रसाद, अर्जुन मुंडा, हेमा मालिनी, स्मृति ईरानी, शत्रुघ्न सिन्हा, रमन सिंह, प्रहलाद पटेल, सुमित्रा महाजन, विक्रम वर्मा, प्रभात झा, सत्यनारायण जटिया, थावरचंद गेहलोत, अरविंद मेनन, तनवीर अहमद, रघुनंदन शर्मा, लता वानखेड़े और अमरदीप मौर्य आदि के नाम स्टार प्रचारकों में शुमार हैं।




