मोदी सरकार ने ‘बिग-बैंग विनिवेश’ का श्रीगणेश कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र की तीन दिग्गज कंपनियों-ओएनजीसी, कोल इंडिया व एनएचपीसी में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बेचने के लिए जल्द ही विनिवेश कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इससे केंद्र सरकार को चालू वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान 43,000 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल होने की उम्मीद है। कैबिनेट की बैठक में जन धन योजना की प्रगति का भी जायजा लिया गया।कोल इंडिया (सीआइएल) में सरकार 10 फीसद हिस्सेदारी बेचेगी, जबकि ओएनजीसी में पांच फीसद व एनएचपीसी में 11.36 फीसद इक्विटी बेची जाएगी। कोल इंडिया में विनिवेश से सरकार को 23,000 करोड़ व ओएनजीसी से 18,000 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है। यह राशि सरकार को राजकोषीय संतुलन बनाने में काफी मदद करेगी। मोदी सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 43,425 करोड़ रुपये विनिवेश से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। कमोबेश यह राशि उक्त तीनों कंपनियों में विनिवेश से ही हासिल हो जाएगी। पिछली सरकार संप्रग-दो के पूरे कार्यकाल में कभी भी विनिवेश लक्ष्य का हासिल नहीं कर पाई। सरकारी स्टील कंपनी सेल में विनिवेश की तैयारी भी पूरी है। सेल में सरकारी इक्विटी की बिक्री इस महीने ही पूरी की जा सकती है।