खुले बोरवेल…पग-पग पर पसरे इन मौत के गड्ढ़ों ने न जाने अब तक कितनों को अपनी आगोश में लिया होगा। कितने काल कलवित हुए होंगे…कितनों को गहरे जख्म मिले होंगे…लेकिन प्रशासन इन सबसे अनभिज्ञ बना हुआ है। हालांकि उच्चस्तर पर ऎसे निर्देश हैं कि राज्य में कहीं भी खुले बोरवेल या गहरे गड्ढ़े हों, उन्हें तत्काल बंद कर दिया जाए, लेकिन स्थानीय स्तर पर एक छोटी सी प्रशासनिक लापरवाही की कीमत किसी को जान देकर चुकानी पड़ती है।मासूम सुनीता भाग्यशाली थी, जो बोरवेल में गहराई तक फंसी रहने के बाद भी बच गई, लेकिन कई बच्चे इतने भाग्यशाली नहीं होते। प्रशासन को खुले बोरवेल, गहरे गड्ढे, खुले पुराने कुएं इत्यादि को तत्काल बंद करवाना चाहिए, ताकि एक अनपेक्षित मौत से आदमी बच सके। मौत के ये गड्ढ़े जिलेभर में सैकड़ों जगह खुले हैं, बता हम रहे हैं…पहल प्रशासन करे…।

खुले मिले बोरवेल, तो होगी सख्त कार्रवाई

जिला प्रशासन ने बोरवेल कंपनियों साथ कई विभागों को खुले बोरवेलों का सर्वे करने के निर्देश दिए है। ग्राम पंचायत व जलदाय विभाग की टीम सभी क्षेत्रों में खुले बोरवेल को चिह्नित करेगी। इसके बाद दोçष्ायों के खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया यदि कोई व्यक्ति अपने घर, खेत या अन्य स्थान पर बोरवेल को खुला रखता है तो प्रशासन संबंधित के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करा सकता है। इस संबंध में राज्य सरकार पहले ही आदेश जारी कर चुकी है।

…इधर, खुले बोरवेल को किया बंद

कांवट. वार्ड दस में पानी की टंकी के पास खुले बोरवेल को सोमवार को जलदायकर्मियों ने बंद कर दिया। आम रास्ते पर स्थित बोरवेल के खुला रहने से आशंकित ग्रामीणों की पीड़ा को पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। इससे हरकत में आए विभाग ने सोमवार को बोरवेल को बंद कर दिया।

अधिकारी तुरंत दें घटना की सूचना

जिला कलक्टर एलएन सोनी ने कहा कि हादसे के बाद समय पर पहुंचना सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा हादसे की चाहे कितनी भी छोटी सूचना हो, संबंधित विभाग के अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भी सूचना दें। इससे हादसे से निपटने और पीडितों को राहत देने की व्यवस्था की जा सके। वे सोमवार को कलक्टे्रट सभागार में साप्ताहिक समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।

जिला कलक्टर ने कहा कि भविष्य में यदि इस तरह की लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने नगर परिष्ाद के अधिकारियों को बारिश के मौसम में पानी निकासी के लिए चार कार्मिकों की टीम गठित करने के निर्देश दिए। यह टीम तत्काल मौके पर पहुंचकर मशीनों की मदद से पानी निकासी कराएगी। बैठक मे बिजली निगम को ढ़ीले तारे को ठीक करने, परिवहन विभाग को जांच करने व सार्वजनिक निर्माण विभाग को पैचवर्क का काम करने को लेकर चर्चा हुई। बैठक में पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार, एडीएम प्रकाश चंद्र चौधरी, सीईओ कैलाश नारायण मीणा व एसीईओ गणेश कुमार शर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।