पॉलिथीन में नवजात को देकर कहा- मौत हो गई, घर चलने लगी सांस
महू। शासकीय आंबेडकर अस्पताल में रविवार सुबह हुई नवजात को डॉक्टर ने पॉलिथीन में देते हुए परिजनों से कहा- इसकी मौत हो गई है। अंतिम संस्कार कर दो। परिजन बच्ची को घर ले आए और दफनाने की तैयार भी कर ली तभी नवजात की सांस चलने लगी। इस पर परिजनों ने अस्पताल में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। नवजात को इंदौर रैफर कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार रविवार सुबह छह बजे शबनम पति हनीफ निवासी बजरंगपुरा को प्रसूति के लिए शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रूपाली जोशी ने साढ़े नौ बजे प्रसूति कराई और 11 बजे परिजनों से कहा कि मृत लड़की हुई है।
बच्ची को एक पॉलिथीन में रख कर दे दिया गया। परिजन बच्ची को दफनाने की तैयारी कर रहे थे तभी उसकी सांस चलने लगी। बच्ची को तत्काल अस्पताल लाया गया। इसके बाद परिजनों ने महिला चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया।
इस दौरान महिला चिकित्सक घर चली गई। नवजात का परीक्षण कर ऑक्सीजन चढ़ाया गया। बाद में उसे इंदौर रैफर कर दिया गया। अस्पताल के रजिस्टर में भी नवजात को मृत घोषित कर दिया गया था। बाद में अस्पताल प्रभारी डॉ. हंसराज वर्मा ने अस्पताल पहुंच कर पूरी जानकारी ली। सुरक्षा बतौर अस्पताल में बल पहुंच गया था।
परिजनों का आरोप
शबनम की सास सायरा बी ने आरोप लगाया कि नौ बजे प्रसूति होने के डेढ़ घंटे बाद एक पॉलिथीन में नवजात को यह कह कर दे दिया कि इसकी मौत हो गई है। इसका अंतिम संस्कार कर दो। हम नवजात को घर ले आए। इस डेढ़ घंटे में बच्ची को न तो ऑक्सीजन दी गई न परीक्षण किया गया।
पांचवें महीने में हुई नवजात
मामले में अस्पताल प्रभारी डॉ. हंसराज वर्मा का कहना है कि बच्ची का जन्म पांचवें महीने में हो गया जो कि काफी कमजोर है। ऐसी हालत में कई बार बच्चे की सांस काफी देरी से आती है। इसके साथ भी ऐसा ही हुआ होगा। बच्ची काफी कमजोर है। महिला चिकित्सक से अभी चर्चा नहीं हुई है। वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है।




