नोटबंदी पर सरकार से ‘अपने’ भी नाराज, ममता के राष्ट्रपति भवन मार्च में शामिल होगी शिवसेना
इसके पहले भी शिवसेना कई मुद्दों पर सरकार का खुलकर विरोध कर चुकी है। एक तरफ दोनों पार्टियों महाराष्ट्र में होने वाले निकाय चुनाव को साथ मिलकर लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ यह रवैया। दरअसल, शिवसेना का मानना है कि नोटबंदी का फैसला जनता के हित में नहीं है क्योंकि हड़बड़ी में लिए गए इस फैसले से आम लोग प्रभावित हो रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘हर कोई कह रहा है कि यह सर्जिकल स्ट्राइक है, क्या होगा अगर नाराज और निराश लोग सरकार के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक शुरू कर दें।’ ठाकरे ने कहा कि सरकार को स्विस बैंक के खातों में जमा कराए गए सारे काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए थी।
वहीं ममता के मार्च में नेशनल कॉन्फ्रेंस और शिवसेना के अलावा आम आदमी पार्टी के भी शामिल होने की बात कही जा रही है। हालांकि अभी तक इस सबंधी में पार्टी की ओर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, पर मंगलवार को हुई केजरीवाल और ममता की मुलाकात के बाद यह माना जा रहा है कि केजरीवाल भी इस मार्च का हिस्सा होंगे।
उधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है, ‘जहां तक राष्ट्रपति भवन तक मार्च का सवाल है, सभी ने सहमति से यह निर्णय किया कि अभी ऐसा करना जल्दबाजी होगी। विपक्षी दल के रूप में हमें आने वाले समय में ऐसा करना चाहिए, लेकिन पहले दिन ही नहीं। पहले दिन संसद के भीतर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा, इस बारे में सर्वसम्मति थी कि संसद में मुद्दे को उठाने से पहले ही दिन इस मुद्दे पर राष्ट्रपति भवन जाने की कोई जरूरत नहीं है।




