नेपाल में राष्ट्रपति प्रत्याशी पर आम राय नहीं, चुनाव बुधवार को
काठमांडू। राष्ट्रपति पद के लिए नेपाल के राजनीतिक दलों में सहमति नहीं बनने पर चुनाव कराने का फैसला किया गया है। हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच बुधवार को होने जा रहे चुनाव में तीन उम्मीदवार मैदान में हैं। जबकि उपराष्ट्रपति पद के लिए शनिवार को मतदान होगा।
सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल ने विद्या देवी भंडारी तो विपक्षी नेपाली कांग्रेस ने कुल बहादुर गुरुंग को मैदान में उतारा है। नेपाल वर्कर्स एंड पीजेंट्स पार्टी के नारायण महाराजन ने भी पर्चा दाखिल किया है। त्रिकोणीय हो चुके इस चुनाव में भंडारी का जीतना तय माना जा रहा है। गुरुंग पहले संविधान सभा की अध्यक्षता भी कर चुके हैं। भंडारी को सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल यूसीपीएन-माओवादी समेत अन्य दलों ने समर्थन देने की बात कही है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए नेपाली कांग्रेस ने मधेशी नेता अमिय कुमार यादव और सत्तारूढ़ गठबंधन ने नंद किशोर पुन को मैदान में उतारा है। रामबरन यादव वर्ष 2008 से ही देश के राष्ट्रपति हैं। नया संविधान 20 सितंबर को अमल में आया है।
इसके प्रावधानों के तहत संसद सत्र शुरू होने के एक महीने के अंदर नए राष्ट्रपति का चुनाव अनिवार्य है। गौरतलब है कि नए संविधान को स्वीकार करने के बाद से मधेशी और थारू समुदाय प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें अब तक चालीस लोगों की मौत हो चुकी है।
नेपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के पक्ष में अमेरिका
अमेरिका ने नेपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की वकालत की है। विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी के मुताबिक अमेरिका नेपाली नागरिकों के शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के अधिकार का समर्थन करता है। लेकिन, इसमें हिसा का कोई स्थान नहीं हो सकता।




