नगर भ्रमण पर निकले भगवान पशुपतिनाथ
मंदसौर। शयन आरती मंडल के तत्वावधान में श्रावण के तीसरे सोमवार को अष्टमुखी भगवान श्री पशुपतिनाथ मंदिर से महादेव की शाही पालकी निकाली गई। मंदिर परिसर से दोपहर 3 बजे अष्ट धातु से निर्मित भगवान श्री पशुपतिनाथ की भव्य प्रतिमा का पूजन व अभिषेक किया गया। इसके बाद जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पालकी का नगर भ्रमण प्रारंभ हुआ।
श्री पशुपतिनाथ शयन कालीन आरती युवा मंडल द्वारा सोमवार को शहर में भगवान पशुपतिनाथ की अष्टधातु से निर्मित प्रतिमा की शाही पालकी निकाली गई। दोपहर में पूर्ण विधान के साथ बाबा पशुपतिनाथ का महाभिषेक हुआ और अष्टधातु से निर्मित प्रतिमा का महाभिषेक किया गया। इसके बाद विधायक यशपालसिंह सिसौदिया, भीमाशंकर शास्त्री, संघ के गुरुचरण बग्गा व प्रहलाद बंधवार सहित अन्य गणमान्य लोगों ने पशुपतिनाथ की आरती की। जनप्रतिनिधियों ने कंधे पर उठाकर नगर भ्रमण प्रारंभ किया। पालकी के आगे घुड़ सवार धर्म ध्वजाएं लहराते चल रहे थे। इसके पीछे बैंड की धून पर बज रहे भजनों से माहौल भक्तिमय हो गया। बैंड के पीछे दशपुर महांकालेश्वर व्यायामशाला का अखा़ड़ा चल रहा था। इसमें पहलवानों ने हैरतंगेज कारनामों का प्रदर्शन किया। अखाड़े के पीछे बड़ी संख्या में महिलाएं कलश लिए चल रही थीं। अंत में ढोल-ढमाकों और ताशों की गूंज के साथ भगवान पशुपतिनाथ की शाही पालकी चल रही थी। शाही पालकी खानपुरा, जगतपुरा, मंडीगेट, सदर बाजार, धानमंडी, बड़ा चौक, गणपति चौक, शुक्ला चौक, कालाखेत रोड नं. एक, गायत्री शक्तिपीठ मार्ग, नेहरू बस स्टैंड, वंदे मातरम् चौराहा, कालीदास मार्ग, घंटाघर हाते हुए रात्रि करीब 10 बजे तक पुनः पशुपतिनाथ मंदिर पहुंची। करीब 5 घंटे शाही पालकी के शहर भ्रमण के दौरान स्थान-स्थान पर श्रद्घालुओं ने शाही पालकी का स्वागत किया।
कहीं पुष्पवर्षा तो
कहीं स्वल्पाहार
शाही पालकी का भक्तों ने कई स्थानों पर स्वागत किया। कहीं पुष्प वर्षा तो कहीं स्वल्पाहार से बाबा की सवारी का स्वागत हुआ। वहीं भक्तों ने पालकी में सवार भोले बाबा की अपनी प्रतिष्ठानों व घर के बाहर आरती भी की।




