धर्मनिरपेक्षता के बंकर में छिपने का प्रयास कर रही है कांग्रेस: मोदी
नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर धर्मनिरपेक्षता के बंकर में छिपने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. उन्होंने कहा कि नई लोकसभा में कांग्रेस के लिए 100 सीट भी पाना मुश्किल लग रहा है.कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया था कि मोदी का चुनाव प्रचार धार्मिक कट्टरता, धन व बल का खतरनाक गठजोड़ है. इस बारे में तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी ने कहा, ‘निश्चित हार का सामना कर रही वह (कांग्रेस) अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है और एक बार फिर धर्मनिरपेक्षता के बंकर में छिपने का प्रयास कर रही है’.
‘कांग्रेस का आंकड़ा 100 के पार जाना मुश्किल’
नरेंद्र मोदी ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘कांग्रेस की अंतिम उम्मीद है कि किसी तरह 100 सीटों पा जाए, लेकिन उसके लिए वह भी मुश्किल है. सोनिया गांधी के इस कटाक्ष पर कि मोदी भारत को स्वर्ग बनाने का वादा कर रहे हैं, मोदी ने कहा, ‘मैंने कभी यह नहीं कहा कि मैं भारत को स्वर्ग बना दूंगा और मेरे पास सभी समस्याओं का हल है. मैं आश्वस्त हूं कि लोग भी मुझसे यह उम्मीद नहीं करते.’ मोदी ने कहा कि भारत के लोग भी चमत्कार की उम्मीद नहीं कर रहे, लेकिन वे निश्चित तौर पर एक स्थिर, निर्णायक व संवेदनशील सरकार पाने के हकदार हैं.
‘प्रियंका का अपने परिवार के लिए प्रचार करना ठीक’
प्रियंका गांधी द्वारा उनके परिवार व उनके पति राबर्ट वाड्रा को लेकर जलील करने के मोदी पर लगाए गए आरोप के संबंध में पूछने पर बीजेपी नेता ने कहा कि एक पुत्री और एक बहन की तरह उन्हें अपनी मां व भाई के लिए प्रचार करने का अधिकार है. मोदी ने कहा, ‘यह स्वाभाविक है कि एक बेटी अपनी मां का बचाव करना पसंद करेगी. एक बहन अपने भाई का बचाव करना पसंद करेगी. मुझे उसे लेकर कोई दिक्कत नहीं है.’
‘बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं’
यह पूछे जाने पर कि उनके सत्ता में आने पर रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ आरोपों से कैसे निबटा जायेगा, बीजेपी नेता ने कहा कि वह बदला लेने की राजनीति और किसी के पीछे पड़ने में विश्वास नहीं करते, जिसके वे खुद 10 साल से शिकार रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और यदि किसी ने कुछ गलत किया है, तो कानून अपना काम करेगा. लेकिन यह संस्थागत तरीके से नियमित प्रक्रिया के जरिए होना चाहिए, जिसमें किसी भी वर्ग की ओर से हस्तक्षेप नहीं हो. इस प्रकार की कार्रवाई राजनीतिक सोच से प्रेरित नहीं होनी चाहिए.
‘अपने ही बूते सरकार बना लेगा एनडीए’
मोदी से पूछा गया कि क्या वे ममता बनर्जी, जयललिता और मायावती जैसी उन ताकतवर क्षेत्रीय नेताओं से संपर्क साधने की कोशिश करेंगे, जो चुनाव प्रचार के दौरान उनकी आलोचना करती रही हैं, पर चुनाव के नतीजे आने के बाद उन्हें (मोदी को) उनके समर्थन की जरूरत पड़ सकती है. बीजेपी नेता ने जवाब दिया, ‘अब तक मुझे पूरा यकीन है कि बीजेपी अपने मौजूदा गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्याबल हासिल करने जा रही है. आपको यह याद रखना चाहिए कि हमारे पास अभी 25 से ज्यादा साझेदारों का एक बड़ा शक्तिशाली गठबंधन है.’
मोदी ने कहा, ‘हमें यकीन है कि हम सरकार चलाने का संख्याबल हासिल कर लेंगे. बहरहाल, हमें देश चलाने के लिए हर किसी के समर्थन और सहयोग की जरूरत पड़ेगी. बीजेपी नेता ने पिछड़े मुसलमानों के लिए ओबीसी कोटे से जुड़े कांग्रेस के कदम के लिए उस पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह दरअसल वोट बैंक की राजनीति और चुनावों से पहले तुष्टिकरण की राजनीति करने की आखिरी कोशिश है. मोदी ने कहा कि कांग्रेस ऐसा वादा यह जानते हुए भी कर रही है कि उसे लागू नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, ‘मैं यह भी कहूंगा कि इससे उस पार्टी का असली धर्मनिरपेक्ष चेहरा उजागर होता है, जो धर्म के आधार पर वोट हासिल करने की मंशा रखती है.
‘ध्रुवीकरण में गलत क्या है?’
यह पूछे जाने पर कि क्या वे इस बात से सहमत हैं कि मौजूदा चुनाव प्रचार भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे ज्यादा ध्रुवीकृत है, मोदी ने कहा कि वह एक तरह से यह मानते हैं कि यह एक ध्रुवीकृत चुनाव है, पर इस बार ध्रुवीकरण अलग तरह का है. मोदी ने कहा, ‘लोकतंत्र में ध्रुवीकरण स्वाभाविक है. यह स्वाभाविक है कि लोग अलग-अलग नजरिया रखें और अलग-अलग तरीके से वोट करें. अपने आप में यह कोई बुरी चीज नहीं है. ध्रुवीकरण किस तरह का हो रहा है, यह ज्यादा अहम है.
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चुनाव में ध्रुवीकरण उनके बीच है, जो विकास व अच्छे प्रशासन की समावेशी राजनीति में यकीन रखते हैं और वे जो वोट बैंक, जाति व धर्म की विभाजनकारी राजनीति में यकीन रखते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी लहर या कांग्रेस विरोधी लहर चल रही है या दोनों, मोदी ने जवाब में कहा, ‘मैं समझता हूं दोनों. बहुत जोरदार कांग्रेस विरोधी लहर के साथ बीजेपी और एनडीए के पक्ष में उतनी ही जोरदार लहर है. इन चुनावों को असाधारण और अभूतपूर्व बताते हुए उन्होंने कहा कि संभवत: ऐसा पहली बार है कि एक जोरदार सत्ता विरोधी लहर के साथ परिवर्तन की भी उतनी ही मजबूत लहर चल रही है.
गुजरात दंगों पर मौन रहे मोदी
गोधरा घटना के बाद 2002 में गुजरात में हुए दंगों के बारे में किसी सवाल का जवाब देने से उन्होंने इनकार कर दिया, लेकिन एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि उनके विरोधियों को उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद या अक्षमता के गंभीर आरोप नहीं मिल पा रहे हैं. इस सवाल पर कि क्या वह मुसलमानों को यह आश्वासन देना चाहेंगे कि वे सुरक्षित महसूस करें और उनके नेतृत्व में बनने वाली सरकार किसी के खिलाफ भेदभाव नहीं करेगी, बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि किसी के असुरक्षित महसूस करने की वजह नहीं है, चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लिम. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई असुरक्षित महसूस करता है, तो वे हैं ये पार्टियां, जो मुसलमानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती हैं और उनके विकास के लिए कुछ नहीं करतीं. उनकी राजनीति की मियाद अब खात्मे पर पंहुच चुकी है. ये दल अपने को सुधारें या विलुप्त होने का सामना करें.’
‘समाज के सभी तबकों का होगा विकास’
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी सरकार के तहत किसी के भी असुरक्षित महसूस करने का कोई कारण नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम 125 करोड़ भारतीयों की सुरक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और इनमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि सभी शामिल हैं. हमारा आदर्श नारा है, सबका साथ, सबका विकास. वाराणसी से अपना नामांकन भरने के अवसर पर गंगा-जमुनी तहज़ीब के बारे में उनकी ओर से उल्लेख किए जाने के बारे में सवाल करने पर उन्होंने कहा, ‘यह उनका भारत पहले वाला संदेश है. आइए हम जाति और धर्म से ऊपर उठें और विकास तथा खुशहाली के लिए सब मिलकर काम करें.




