भोपाल। सूखे से जूझ रहे किसानों को दीपावली तक राहत राशि मिलने लगेगी। गुरुवार को विधानसभा के विशेष सत्र में सूखे के हालातों पर दिनभर हुई चर्चा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्यपाल के दस्तखत में तीन-चार दिन का समय लगेगा। इसके बाद सरकार किसानों के खातों में तीन हजार करोड़ की राहत राशि जमा करने की शुरुआत कर देगी, जबकि जनवरी के अंत तक किसानों को फसल बीमा के लगभग साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए भी मिल जाएंगे। इससे पहले सूखे से निपटने के लिए सदन में 8407 करोड़ रुपए से अधिक की अनुपूरक मांगे सर्वसम्मति से पारित की गईं।

विशेष सत्र के समापन के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने मीडिया से कहा कि 33 हजार गांव और 44 लाख हेक्टेयर खेती इस वक्त सूखे की चपेट में है। यहां फसलें बुरी तरह चौपट हो गई हैं। किसानों से ऋण वसूली स्थगित कर दी गई है और भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार के पास महज 700 करोड़ रुपए का ही इंतजाम था, इसलिए विस का विशेष सत्र बुलाकर आठ हजार करोड़ रुपए से अध्ािक की राशि की व्यवस्था की गई। केंद्र सरकार को भी राशि के लिए ज्ञापन भेज दिया गया है। जल्द ही मदद मिलने की उम्मीद है। चौहान ने जोर देकर कहा कि विपक्ष को ये कहना ठीक नहीं कि यूपीए सरकार के समय केंद्र से मप्र को खूब आर्थिक मदद मिली थी। सच्चाई ये है कि केंद्र से 377 करोड़ रुपया ही मिला था। मप्र में कांग्रेस के शासन में 17187 किसानों ने आत्महत्या की थी।

किसानों पर एकजुट हुआ पक्ष-विपक्ष

इससे पहले सदन में लगभग आठ घंटे तक सूखे की स्थिति विनियोग विध्ोयक के माध्यम से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने एक घंटे से अध्ािक के जवाब में कई घोषणाएं कीं। कांग्रेस के पुरजोर आग्रह के बाद सदन ने अनुपूरक मांगे सर्वसम्मति से पारित कर दीं। यद्यपि कांग्रेस के रामनिवास रावत और बाला बच्चन ने इस राशि को अपर्याप्त बताया और कहा कि मुख्यमंत्री 22 हजार करोड़ रुपए के नुकसान की बात कहते आए हैं, इस लिहाज से आठ हजार करोड़ रुपए से किसानों को पर्याप्त मदद मिलना कैसे संभव होगा। रावत ने कहा कि वित्तीय संकट को देखते हुए जनसंपर्क का पूरा बजट और विध्ाायकों की क्षेत्रीय विकास निध्ाि भी सूखा राहत मद में देने का सुझाव दिया। बच्चन ने कहा कि सूखा के दौरान पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने मप्र को भरपूर मदद की थी। 73 हजार करोड़ के कर्ज माफ किए गए थे।

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सदन में मुख्यमंत्री की घोषणाएं

– फल सब्जी की खेती को बढ़ावा व उचित दामों के लिए फेडरेशन बनेगा।

– सभी जिला मंडियों में फल व सब्जी की मंडी बनेंगी। दो फीसद से ज्यादा कमीशन नहीं ले सकेंगे आढ़तिये।

– किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड दिए जाएंगे।

– खेती का चक्र बदलने के लिए बड़े पैमान पर अभियान।

– सोलर पंप पर सब्सिडी।

– प्रत्येक किसान को सहकारिता सोसाइटी से जोड़ेंगे।

– खेती के सहायक उद्योगों को बढ़ावा।

– रबी में खाद बीज की कमी नहीं होगी।

– मनरेगा में व्यापक कार्य शुरू होंगे,150 दिन मजदूरी मिलेगी।

– राजस्थान से पानी की व्यवस्था के लिए अफसरों की टीम सक्रिय।

– कर्ज वसूली स्थगित, कमर्शियल बैंकों से भी सरकार आग्रह करेगी।

– एक साल का ब्याज अदा करेगी राज्य सरकार।

– साहूकार नहीं कर सकेंगे किसानों से वसूली।

– तहसील के बजाए पांच-पांच गांव का क्लस्टर बनाकर सूखा घोषित करेंगे।

– जले हुए ट्रांसफार्मर बदले जाएंगे।

– पीड़ित किसान की बेटी की शादी हेतु 25 हजार का चैक भेजेंगे।

– सूखा पीड़ित किसान को एक रुपए किलो गेंहू-चावल व नमक।

– भू राजस्व संहिता में बदलाव, बटाईदार को मिलेगी।