तीन मंजिला सुराना एक्सपोर्ट में लगी आग
टॉवर चौक पर शनिवार-रविवार रात 2.45 बजे लगी आग में तीन मंजिला सुराना एक्सपोर्ट और एक्सपोर्ट हाउस की तीन मंजिला इमारत पूरी तरह खाक हो गई। परिवार को भी बड़ी मुश्किल से बचाया गया। आग इतनी विकराल थी कि सवा सात घंटे की मशक्कत के बाद 50 टैंकर पानी से उस पर काबू पाया गया। आशंका है कि आग शार्ट सर्किट से लगी होगी, जो घर में रखे दो सिलेंडर फटने से और भड़क उठी।
टॉवर चौक स्थित सुराना एक्सपोर्ट और एक्सपोर्ट हाउस में शनिवार रात 2.45 बजे अचानक आग लग गई। इसी बिल्डिंग के ऊपर सुराना परिवार भी रहता है।
दुकान में लगी आग ने धीरे-धीरे बिल्डिंग के रहवासी क्षेत्र को भी चपेट में ले लियाा। सुराना एक्सपोर्ट और एक्सपोर्ट हाउस के मालिक विशाल सुराना और उनका पूरा परिवार आग में फंस गया। सीढ़ी की मदद से उनके पिता निर्मल सुराना, मां मंजू सुराना, पत्नी अमिता, बेटी आशु व बेटा दीबू को नीचे उतारा गया। आग पर सुबह करीब 10 बजे पूर्ण रूप से काबू पाया गया। सूचना मिलते ही माधवनगर पुलिस, ट्रैफिक डीएसपी आरएस ठाकुर मौके पर पहंुचे। दुकान के साथ घर के पीछे से भी दमकलकर्मियों द्वारा आग पर काबू पाने का प्रयास किया।
मौके पर मौजूद विशाल सुराना ने बताया कि घटना में दुकान में रखे, बेडशीट, तकीये, पर्दे, व अन्य सामान पूरी तरह से जल गया है। आग से घर का पूरा सामान खत्म हो गया है, जिसमें ज्वेलरी, नगदी, व अन्य सामान शामिल है।
गैलरी में फंसा परिवार
विशाल सुराना की दुकान पर काम करने वाले 7 वर्षीय सर्वेश ने सबसे पहले आग को महसूस किया। उसका कहना था कि वह घर के नीचे वाले हिस्से में सोया था, तब उसे धुआं महसूस हुआ। उसने देखा दुकान में आग लग गई है वह तुरंत ऊपर पहंुचा और विशाल को जगाया। विशाल जब तक घटना का अंदाजा लगा पाते आग दूसरी मंजिल तक पहंुच गई थी और उनका परिवार गैलरी में फंस गया था।
कम पड़े टैंकर
आग पर काबू पाने के लिए फायरब्रिगेड कर्मियों को 8 घंटे तक मशक्कत करना पड़ी। रात 2.45 बजे लगी आग पर सुबह करीब 10 बजे पूर्ण रूप से काबू पाया गया। फायर बिग्रेड की 50 दमकल लगी तब कहीं आग ठंडी हो पाई। सुबह करीब 4.45 बजे फायर बिग्रेड के टैंकर कम पड़ जाने के कारण पीएचई के टैंकर से फायर फाइटरों को पानी सप्लाई करना पड़ा।
धमाके से दहला टॉवर
घर में रखे दो सिलेंडर आग की चपेट में आने से फट गए। सिलेंडर फटने से इतना तेज धमाका हुआ कि टॉवर चौक पर खड़ा हर व्यक्ति दहल गया। पहले विस्फोट में संभवत: घर की छत ध्वस्त हो गई थी। दूसरे सिलेंडर में विस्फोट से आग एक गुबार उठा, जिससे दूर-दूर तक लपटें दिखाई देने लगी।
शटर खुला, भड़की आग
दमकलकर्मियों ने जैसे ही दुकान का शटर खोला आग भड़क उठी। पानी की तेज बौछार भी आग पर काबू नहीं कर पा रही थी। बिल्डिंग की ऊपरी दो मंजिलों में रखे सामान के साथ टीवी, फ्रीज, एसी फटने लगे, जो आग को भड़काने में मददगार साबित हुए।
सीढ़ी से उतारा परिवार को
घटना के बाद गैलरी में फंसे परिवार को दमकलकर्मियों ने सीढियों से नीचे उतारा। सबसे अधिक मुश्किल विशाल सुराना की मां मंजू सुराना को उतारने में हुई। उनके बच्चे आशु और दीबु के साथ उनकी पत्नी अमिता को आसानी से नीचे उतार लिया गया। अधिक वजन और उम्र के कारण मंजू सुराना को उतारने के लिए काफी मशक्कत कारना पड़ी। धुएं के कारण दम घुटने से परिवार के सदस्यों को सतर्कता बरतते हुए अस्पताल भेज दिया गया।
पहले भी लगी आग
सुबह तक आग के कारणों का पता नहीं चल सका था। विशाल सुराना ने बताया, आग से लाखों रूपए का नुकसान हुआ है। दुकान और घर में रखे सामान का बीमा भी नहीं था। दो बार पूर्व में भी सुराना की दुकान में आग लग चुकी है।
फायर स्टेशन के पास सिर्फ पांच गाडियां
फायर स्टेशन के पास सिर्फ पांच दमकल है।
एक गाड़ी की क्षमता सिर्फ पांच हजार लीटर है, जबकि शहर को 15 हजार लीटर क्षमता वाले मैगा फायर ट्रक की जरूरत है।
वाहन चालक, ऑपरेटर व फायर मैन मिलाकर निगम के पास 55 लोगों का स्टाफ है, जबकि जरूरत 150 कर्मचारियों की है।
15 मीटर के पाइप के सहारे छत पर लगी आग पर काबू नहीं किया जा सकता। चार मंजिला से बड़े भवन तक पहुंचने के लिए सीढियां नहीं है।
नगर निगम परंपरागत तकनीक से ही आग पर काबू पाने की कोशिश करता है। फोम सुविधा युक्त गाडियों की कमी है।
शहर में एक ही फायर स्टेशन है। आबादी के अनुसार चार फायर स्टेेशन की आवश्यकता है।
अक्सर हेल्प लाइन नंबर कोई अटेंड नहीं करता।
प्रशासन को समस्याओं से कई बार अवगत करा चुके हैं। कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है।- अजय सिंह राजपूत
फायर ऑफिसर, नगर निगम




