वाशिंगटन। जलवायु में बदलाव के कारण भारत के तटीय इलाके खतरे में हैं। वैश्विक तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने पर समुद्र का स्तर बढ़ने के कारण कोलकाता और मुंबई जैसे बड़े शहर समुद्र में समा जाएंगे और तटों के पास रहने वाले करीब 5.5 करोड़ लोग डूब सकते हैं।

अमेरिका की गैर सरकारी संस्था सेंट्रल क्लाइमेट ने अपनी रिपोर्ट में यह अंदेशा जताया है। इसके मुताबिक तापमान बढ़ने पर चीन में 14 करोड़ 50 लाख लोगों के सामने डूबने का खतरा है। यदि पृथ्वी का तापमान दो डिग्री भी बढ़ता तो भारत में करीब 2 करोड़ लोग समुद्र में समा जाएंगे। पेरिस में इस महीने के अंत में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर वार्ता से ठीक पहले यह रिपोर्ट सामने आई है।

पेरिस में शिखर वार्ता 30 नवंबर से 11 दिसंबर तक आयोजित होगी। इसका मकसद पृथ्वी के तापमान को दो डिग्री कम करते हुए औद्योगिकीकरण से पहले के स्तर पर लाना है। उल्लेखनीय है कि पृथ्वी का तापमान बढ़ाने में अमेरिका, चीन के बाद भारत का स्थान आता है। इन देशों में प्रदूषण और औद्योगिक उत्पादन के कारण हो रहे उत्सर्जन के कारण पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है।

अनजान दुनिया में ले जा रहा है जलवायु परिवर्तन

जिनेवा। वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड और दूसरी ग्रीन हाऊस गैसों का उत्सर्जन पिछले साल एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया। इसके कारण दुनिया एक ऐसी दिशा में जा रहा है जिसके भविष्य से कोई भी वाकिफ नहीं है। संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में यह बात कही है।

विश्र्व मौसम संगठन के प्रमुख माइकल जरॉड ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि कार्बन डाई ऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड का वातारवरण में जमा होना फिर से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा, “हम बड़ी तेजी से एक अंजान दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं।”