ट्राई सीरीज:टीम इंडिया को अब दुआ की जरूरत
नई दिल्ली। ट्राई सीरीज में भारतीय टीम लगातार दो मुकाबला हार कर सीरीज में बाहर होने के कगार पर खड़ी है। अब यहां से ट्राई सीरीज में वपासी करने के लिए टीम इंडिया को हर कदम फूंक-फूंक कर रखना होगा। क्योंकि अब एक हार और ट्राई सीरीज में टीम इंडिया का खेल खत्म कर सकती है।ट्राई सीरीज का पहला मैच भारत ऑस्ट्रेलिया से 3 विकेट से हारा ट्राई सीरीज का दूसरा मैच भारत इंग्लैंड से 9 विकेट से हारा। अब टीम इंडिया को सीरीज में बने रहने के लिए बाकी के दोनों मैचों में हर हाल में जीत हासिल करनी होगी और ऊपर वाले से विपक्षी टीम के हार की दुआ भी करनी होगी।ट्राई सीरीज के फाइनल में पहुंचने के लिए भारतीय टीम को दोनों मैच जीतने होंगे और कम से कम एक मैच में बोनस अंक भी चाहिए होंगे।
साथ ही ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के मैच पर नजर रखनी होगी। अगर अगले मैच में यानि की 23 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड को हराता है तो टीम इंडिया के लिए राह थोड़ी असान हो जाएगी।
लेकिन इंग्लैंड अगर जीतता है तो टीम इंडिया को बाकी के दोनों मैचों में बोनस अंक के साथ जीतना होगा। ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गेंदबाजों के खस्ता हालात से हर कोई वाकीफ है। ऐसे में टेस्ट सीरीज में हार के बावजूद बाजीगर बने बल्लेबाजों का ट्राई सीरीज में यूं लड़खड़ाना महेंद सिंह धोनी के लिए गले की फांस बन गया है। अगर टीम इंडिया को वर्ल्ड कप में पूरे हौसले के साथ मैदान पर उतरना है तो उसे यहां खुद को साबित करना होगा।
टीम इंडिया को अगला मैच 26 जनवरी को सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना है और आखिरी मैच 30 जनवरी को पर्थ में इंग्लैंड के खिलाफ, लेकिन मैच से पहले भारत को कई तैयारियों के साथ मैदान पर उतरना होगा। दोनों ही मैच में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया, लेकिन दोनों ही मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने ऐसे घुटने टेके की एम एस धोनी की सारी गेम प्लानिंग धरी की धरी रह गई। अब धोनी को गेंदबाजों से करिश्में की उम्मीद तो ना के बराबर है लेकिन अगर वापसी की जो भी कोशिशें होंगी वो बल्लेबाजों के जरिए ही संभव हैं।




