पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम और उससे सम्बन्ध के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है. मंगलवार सुबह चेन्नई, दिल्ली, मुंबई और गुरुग्राम के करीब 14 ठिकानों पर सीबाआई ने छापेमारी की. न्यूज 18 इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई की अलग-अलग टीमें सुबह 7 बजे उनके घर पहुंची. कार्रवाई अभी जारी है.
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जानकारी के मुताबिक कागजात सीज करने की प्रक्रिया जारी है. कंप्यूटर के हार्डडिस्क को भी जब्त किया गया है.

छापों पर चिदंबरम ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर ऐसी कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा, ‘सीबीआई और दूसरी एजेंसियों के जरिए मेरे बेटे और उसके दोस्तों को निशाना बनाया जा रहा है. सरकार मेरी आवाज बंद करना चाहती है.’

बताया जा रहा है कि मीडिया से जुड़े एक मामले में सीबीआई ने सोमवार को एफआईआर दर्ज की थी. इसी फॉलोअप में आज की कार्रवाई हुई है. आरोप है कि  पी. चिदबंरम के कार्यकाल में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) ने आईएनएक्स मीडिया के फंड को मंजूरी दी थी. इसमें कार्ती के साथ इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी का नाम भी शामिल था.

ईडी ने जारी किया था नोटिस
बताते चलें कि यह पहला मौका नहीं है जब चिदंबरम के बेटे कार्ती पर कार्रवाई हुई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्ति को 45 करोड़ रुपये के FEMA उल्लंघन मामले में नोटिस जारी किया था. आरोप था कि वह वासन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी से कथित तौर पर जुड़े हुए हैं. इस कंपनी से जुड़े कई विदेशी निवेशकों से करीब 2100 करोड़ रुपये लिए गए. वहीं, 162 करोड़ रुपये अलग से भी लिए गए.

आरोप है कि लेन देन में कार्ती चिदंबरम की कंपनी मैसर्स एडवांटेज स्ट्रेटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड सीधे तौर पर शामिल थी. इस कंपनी को इसमें करीब 45 करोड़ रुपए मिले थे.

ईडी की नोटिस के बाद पी चिदंबरम ने कहा था कि ईडी की कार्रवाई और नोटिस से ऐसा लगता है कि कार्ति नियंत्रक थे और दो कंपनियों के बीच हुए लेनदेन में सीधा फायदा उठा रहे थे. प्रवर्तन निदेशालय कार्ति को इस मामले में घसीटने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहा है.