जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के संकट से लोग जूझ ही रहे हैं कि गुजरात में भी कई इलाकों में पिछले 24 घंटोंं में भारी बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गुजरात के लोगों की शिकायत है कि मीडिया उनकी दिक्कतों को उस तरह से तवज्जो नहीं दे रहा है, जैसी जम्मू-कश्मीर को मिल रही है। दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया है। राज्य के आगर, झाबुआ, धार और शाजापुर में बारिश और बाढ़ के चलते हालात गंभीर हैं। आठ सितंबर से रुक-रुककर हो रही बारिश के चलते मध्य और उत्तरी गुजरात में बाढ़ में हजारों लोग फंसे हुए हैं। इस समय बारिश और बाढ़ के चलते गुजरात के करीब 125 गांवों में बिजली नहीं है, जबकि अहमदाबाद, वडोदरा, पाटन, भरूच, साबरकांठा, आणंद और पंचमहाल समेत नौ जिलों की 27 सड़कों पर आवाजाही ठप है। वडोदरा में पिछले 48 घंटे में 9.5 इंच बारिश हुई है। जिले में विश्वामित्री नदी के नजदीक रहने वाले करीब दो हजार लोगों को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। ओवरफ्लो होने के चलत जिले के सबसे बड़े आजवा डैम के 62 गेट खोल दिए गए। इसके चलते बुधवार को विश्वामित्री नदी ने वडोदरा शहर में खतरे के निशान को छू लिया। शहर के पूर्वी इलाके में स्थित 1000 से अधिक सोसायटी में 2 से 3 फुट पानी भर जाने के कारण 3 लाख से अधिक लोग मुसीबत में फंस गए हैं।

वडोदरा की जिलाधिकारी अवंतिका सिंह के मुताबिक, “वडोदरा जिले के सावली, डभोई और वघोदिया तालुकों से लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। सावली तालुका में बीते 24 घंटों में 13 इंच बारिश हुई है। वघोदिया में हमने बचाव टीम को बोटों के साथ भेजा है।” वडोदरा नगर निगम के कमिश्नर मनीष भारद्वाज ने बताया, “शहर के निचले इलाकों में रहने वाले करीब 500 लोगों को भी प्राइमरी स्कूलों जैसे सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।”