केदारनाथ में भी बर्फबारी
चारधाम यात्र पर लगातार तीसरे दिन मौसम की मार जारी रही। केदारनाथ और बदरीनाथ में दिनभर बर्फबारी होती रही, जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री में बारिश का सिलसिला थम नहीं पा रहा है। हालांकि गंगोत्री और यमुनोत्री में यात्र जारी रखी गई है। इन हालात में रविवार से बंद केदारनाथ यात्र को 15 मई तक स्थगित कर दिया गया है। इसके अलावा बदरीनाथ हाईवे पर हिमखंड व मलबा आने से बदरीनाथ यात्र भी बाधित हो गई है। प्रशासन ने सभी यात्रियों को बदरीनाथ, जोशीमठ और पांडुकेश्वर में रोक दिया है। दिनभर की मशक्कत के बावजूद सड़क से मलबा नहीं हटाया जा सका। इससे करीब दो हजार तीर्थयात्री विभिन्न पड़ावों पर फंस गए हैं।
दूसरी ओर मंगलवार सुबह से हो रही बारिश के कारण उत्तरकाशी में गोमुख जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। तीन दिन में यह दूसरा मौका है जब गोमुख जाने पर रोक लगाई गई है। फिलहाल इस रूट पर 50 पर्यटक फंसे हुए हैं। प्रशासन के अनुसार सभी लोग भोजवासा में ठहरे हुए हैं। चमोली में सोमवार शाम से ही मौसम ने रंग बदलने शुरू कर दिए थे। यही वजह रही कि प्रशासन ने शाम को बदरीनाथ जाने वाले वाहनों को जोशीमठ में ही रोक लिया। मंगलवार सुबह जोशीमठ और बदरीनाथ के बीच रड़ांग बैंड के पास हाईवे पर हिमखंड टूटकर आ गिरा। साथ ही दोपहर बाद लामबगड़ में भी भारी भूस्खलन से सड़क पर मलबा आने के बाद यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। खराब मौसम के कारण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवानों को मलबा हटाने में दिक्कतें आ रही हैं। जोशीमठ में 100 से अधिक वाहन हाईवे खुलने के इंतजार में खड़े हैं। इसके अलावा बदरीनाथ धाम में भी एक हजार से अधिक यात्री हैं।
जोशीमठ के प्रभारी कोतवाल प्रदीप कुमार राठौर ने बताया कि जोशीमठ, पांडुकेश्वर व बदरीनाथ में यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं। हेमकुंड साहिब में भी बर्फबारी के चलते सेना के 34 जवान व गुरुद्वारे के 20 स्वयंसेवक गुरुद्वारे में ही ठहरे हुए हैं। केदारनाथ के बारे में रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी डॉ. राघव लंगर ने बताया कि पूरे दिन केदारनाथ में बर्फबारी होती रही। लिनचोली से केदारनाथ बेस कैंप पहुंचे तीन यात्रियों को यहीं रोक लिया गया है जबकि आठ श्रद्धालु केदारनाथ में हैं।




