बुधवार रात उस वक्त जेट एयरवेज के विमान में बैठे यात्रियों का कलेजा मुंह में आ गया। जब उन्हें पता चला कि विमान का चीफ पायलट बेहोश हो गया है। इसके बाद डॉक्टरों ने बेहोश पायलट को कॉकपिट से बाहर निकाला और ऑफ ड्यूटी पायलट विमान को लेकर दिल्ली पहुंचा। करीब 40 मिनट तक विमान में बैठे यात्रियों की सांसे अटकी रहीं। जेट एयरवेज का यह विमान 121 यात्रियों को लेकर थाइलैंड से दिल्ली आ रहा था।
जेट के विमान ने बैंकॉक से रात 8.55 बजे दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी। इसे चीफ पायलट रजनीश मल्होत्रा उड़ा रहे थे। को-पायलट समीर मल्होत्रा उनके साथ थे। दिल्ली तक का सफर चार घंटा 40 मिनट का था। उड़ान संख्या 9W-063 बिना किसी परेशानी के भारत की हवाई सीमा में दाखिल हो चुकी थी। सब सामान्य था। विमान लखनऊ के ऊपर था। दिल्ली एक घंटे की दूरी पर थी। लेकिन तभी दिल्ली स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के पास इस विमान से एक संदेश पहुंचा, ‘चीफ पायलट की तबीयत बिगड़ गई है। विमान पर उनका नियंत्रण नहीं रहा है।’ यह को-पायलट समीर की आवाज थी। संदेश मिलते ही एटीसी में हड़कंप मच गया। को-पायलट समीर अकेले विमान की इमरजेंसी लैंडिंग नहीं करा सकते थे। इसलिए उन्होंने एटीसी से मदद मांगी। इसी बीच, प्लेन में मौजूद स्टाफ को भी अलर्ट कर दिया। डॉक्टरों ने कॉकपिट से बेहोश चीफ पायलट को बाहर निकाला।
इधर, एटीसी और को-पायलट के बीच संदेशों का आदान-प्रदान जारी था। तभी खुशकिस्मती से यात्रियों के बीच से ही एक शख्स सामने आया। उसने विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराने में मदद की पेशकश की। यह जेट एयरवेज के ही एक ऑफ-ड्यूटी पायलट थे। दूसरी तरफ, एक डॉक्टर भी सामने आए, जो चीफ पायलट रजनीश को होश में लाने की कोशिश में जुट गए। लेकिन माहौल में तनाव अब तक बना हुआ था। इधर, कॉकपिट के अंदर ऑफ ड्यूटी पायलट ने को-पायलट की सीट संभाल ली थी। वहीं, को-पायलट समीर चीफ पायलट की सीट संभाले हुए थे। विमान अब तक दिल्ली हवाई अड्डे के ऊपर पहुंच चुका था। तय वक्त से 40 मिनट पहले ही। यहां इमरजेंसी लैंडिंग की तैयारी पहले ही हो चुकी थी। रनवे को खाली करा लिया गया था। बचाव दल भी अलर्ट था। अाखिरकार, तमाम मशक्कत के बाद विमान सुरक्षित उतार लिया गया। और सभी की जान में जान आई।