महाराष्ट्र के अहमदनगर में सरकारी अस्पताल में नकली शराब बनाने के अड्डे का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. इस मामले में पुलिस ने छापेमारी कर राष्ट्रवादी कांग्रेस के एक पूर्व नगर सेवक और पत्रकार समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

 भारतीय कानून के मुताबिक, अस्पताल और स्कूल से 100 मीटर के दायरे में शराब की दुकान नहीं लगाई जा सकती है. शराब से जुड़े किसी भी व्यवसाय के लिए अधिकारी इजाजत नहीं दे सकते हैं. लेकिन महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित सरकारी अस्पताल के अंदर, डॉक्टरों की नाक के नीचे नकली शरा बनाने का =काम चल रहा था.हैरानी की बात यह है कि इस जगह से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर एसपी दफ्तर है. इसके बावजूद पुलिस महकमा इस गैरकानूनी शराब भट्टी से पूरी तरह बेखबर था. एसपी सौरभ त्रिपाठी ने इस बारे में कहा कि पुलिस ने सरकारी अस्पताल में छापेमारी कर नकली शराब बनाने वाले गिरोह का भंडा फोड़ते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया है.गिरफ्त में आए लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस का एक पूर्व नगर सेवक और एक स्थानीय चैनल का पत्रकार शामिल है. एसपी ने बताया कि पूर्व नगर सेवक की मां वर्तमान में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नगरसेविका है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. गौरतलब है कि पांगरमल गांव में पंचायत समिति के चुनाव प्रचार में शामिल 10 लोगों की नकली शराब पीने से मौत हो गई, जबकि 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है.