भोपाल। प्रदेश में बिजली के दाम प्रायवेट कंसल्टेंटस की ‘हरी झंडी’ के बाद बढ़ेंगे। राज्य सरकार नियामक आयोग को बिजली के दामों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दे रही है। आयोग खुद तो सरकार के प्रस्ताव का आकलन करेगा ही साथ में बिजली के क्षेत्र के जानकार कंसल्टेंट्स भी प्रपोजल पर गौर फरमाएंगे। कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट पर बिजली की दरों में बढ़ोतरी का काफी हद तक दारोमदार होगा। सूबे की बिजली कंपनी ने साल 2014-15 में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। जबकि वर्ष 2013-14 में महज 0.78 फीसदी का इजाफा दामों में हुआ था।  प्रस्ताव के मुताबिक कंपनी कहने वाली है, पिछले चार सालों में बिजली की दरें 32 फीसदी बढ़ी हैं, जबकि इन सालों में कोयले की कीमत में लगभग 98 प्रतिशत, तेल की कीमतों में 57 प्रतिशत तथा रेल किराए में 51 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सूबे में बिजली कंपनियों ने बिजली आपूर्ति की मात्रा और घंटों में बढ़ोतरी की है। इस कारण टैरिफ रिव्यू किया जाना चाहिए।  प्रस्ताव पर अध्ययन के साथ ही आयोग जनता से भी इस प्रस्ताव पर राय मांगेंगा। यह कार्य फरवरी अंत तक होना संभव है। आपत्तियों के निराकरण के बाद मार्च के तीसरे हफ्ते के बाद नए टैरिफ प्लान की घोषणा कर दी जाएगी।

20% का प्रस्ताव 10% बढ़ना संभव
मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने अप्रैल 2015 से बिजली टैरिफ में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव आज विद्युत नियामक आयोग को सौंपा जाएगा। पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने 20 फीसदी से अधिक दाम बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है लेकिन कंपनी को 10फीसदी दाम बढ़ाने की स्वीकृति मिल सकती है। इसमें फ्यूल कास्ट एडस्टमेंट के लिए जा रही 6 फीसदी राशि भी शामिल होगी।
हम लगातार अधिक बिजली प्रदान कर रहे हैं। इसी बीच बिजली उत्पादन की लागत भी बढ़ रही है। पिछले साल भी कम वृद्धि की गई थी। इस बार बिजली दरें बढ़ाया जाना आवश्यक है।