एक मां अपनी बेटी के साथ हुई छेड़छाड़ की रिपोर्ट कराने के लिए थाने पहुंची तो पुलिस ने उससे ही सबूत मांगना शुरू कर दिया और छेड़छाड़ होने का प्रमाण न दे पाने पर पुलिस ने धक्के मार कर भगा दिया।�
भगाने के बावजूद भी वह थाने से नहीं गई इसपर थाना अधिकारी ने उसे मंदिर में शपथ पत्र देने के लिए कहा। थाना अधिकारी ने उसे कहा कि वह मंदिर में चलकर शपथ ले की जो वो कह रही है वो सच है तब ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा। महिला ने हार मानकर एक एफिडेविट मंगवाया, मंदिर में जाकर उस पर अपनी बात लिखी इसके बाद पुलिस ने उसकी एफआईआर दर्ज की।�
यह मामला उत्तर प्रदेश के बरेली के मटेनिया गांव का है। जहां पांच मई को गांव के ही द्रोणपाल नाम का युवक महिला के घर में घुसकर उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ करने लगा। लड़की ने जब शोर मचाया तो आसपास के लोग वहां इकट्ठा हो गए। जिसे देखते ही द्रोणपाल वहां से फरार हो गया। लड़की के साथ हुए इस हादसे के बाद वह बुरी तरह सहम गई।
युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए लड़की की मां दर्जन भर लोगों के साथ थाने पहुंची जहां पुलिस ने मामले को आपसी विवाद बताकर भगा दिया। पीड़िता की मां मामले को दर्ज करने के लिए गिड़गिड़ाती रही लेकिन पुलिस नहीं मानी।�
पुलिस ने मामला दर्ज करने के बजाय उससे प्रूफ मांगना शुरू कर दिया। पुलिस ने प्रूफ न देने के कारण महिला को भगा दिया इसके बावजूद महिला केस दर्ज कराने के लिए अड़ी रही और थाने जाती रही। इसके बाद थानाध्यक्ष द्वारा रखी गई शर्त के मुताबिक मंदिर में शपथ लेने के बाद पुलिस ने उसके मामले में रिपोर्ट दर्ज की।