श्रीनगर। पुलवामा में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए दो आम नागरिकों की मौत से इलाके में तनाव का माहौल है। मामले को लेकर अलगाववादी नेताओं ने सोमवार को घाटी में बंद बुलाया है। इलाके में तनाव को देखते हुए पांच थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
गौरतलब है कि रविवार को पुलवामा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकी की मौत के बाद भड़की हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठियों और गोलियों का सहारा लेना पड़ा था। इसमें एक छात्रा समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक की हालत नाजुक बनी हुई है। हिंसा में 40 लोग घायल हो गए।
छात्रा समेत दो लोगों की मौत के बाद श्रीनगर के डाउन टाउन के अलावा पुलवामा, पांपोर, काकपोरा व उनसे सटे इलाकों में भी देश विरोधी प्रदर्शन हुए।
जानकारी के अनुसार, लश्कर के आतंकियों का एक दल पुलवामा के ललहार गांव में आया। आरआर और एसओजी के जवानों उन्हें ने घेरा तो आतंकियों ने वहां से भागने का प्रयास करते हुए फायरिंग कर दी। जवानों ने जवाबी फायर किया और वहां मुठभेड़ शुरू हो गई। लगभग एक घंटे की गोलीबारी में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया। उसकी पहचान आदिल जहांगीर गनई उर्फ आदिल गोजरी के रूप में हुई है।
आदिल के मरने और दो अन्य आतंकियों के घेराबंदी में फंसे होने की खबर फैलते ही, बड़ी संख्या में लोग देश विरोधी नारे लगाते हुए मुठभेड़स्थल पर जमा हो गए। उन्होंने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। भीड़ ने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों से उनके हथियार छीनने का भी प्रयास करते हुए उनके वाहनों को आग लगाने का प्रयास किया। स्थिति बेकाबू होते देख पुलिस ने भी लाठियां, पेपरगैस, आंसूगैस का सहारा लिया। लेकिन हालात काबू न होते देख जवानों ने गोली भी चलाई। इसमें एक युवक दानिश फारूक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे पांपोर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। वहीं, शायस्ता हमीद नामक एक छात्रा ने ललहार में ही दम तोड़ दिया। शायस्ता एमए उर्दू की छात्रा थी।