शिकागो। ब्राजील समेत 22 देशों में मच्छरों से फैलने वाले जीका वायरस का हमला तेज हो गया है। डेंगू मच्छर से फैलने वाले एडिस मच्छरों भारत में काफी पाए जाते हैं। इसलिए अब इसका खतरा भारत पर भी मंडराने लगा है।

डब्ल्यूएचओ ने कसी कमर

जीका वायरस का प्रसार रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तैयारियां शुरू कर दी है। संगठन ने एक आपातकालीन टीम का गठन किया है। बीबीसी के अनुसार यह टीम वायरस का संक्रमण रोकने के उपायों पर चर्चा करेगी। गुरुवार को हुई बैठक में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक मार्गेट चेन ने कहा कि जीका भयंकर रूप ले रहा है और तेजी से फैल रहा है।

कनाडा और चिली को छोड़कर पूरे उत्तरी और दक्षिणी अमेरिकी महाद्वीप में इस वायरस के फैलने के खतरे को देखते हुए संगठन ने यह बैठक बुलाई थी। अमेरिकी महाद्वीपों में चालीस लाख लोगों पर इसके संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र ने प्रभावित देशों की यात्रा करने वाले लोगों के रक्तदान करने पर भी रोक लगाने की बात कही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वायरस का संक्रमण नहीं रोका गया तो यह भयानक महामारी का रूप ले सकता है। साथ ही इबोला की तरह हजारों लोगों के मरने का अंदेशा भी जताया जा रहा है।

जीका वायरस से प्रभावित महिलाएं ऐसे शिशुओं को जन्म दे रही हैं जिनका मस्तिष्क पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है। लातिन अमेरिका और कैरिबिया के 21 देशों में यह वायरस फैल चुका है। ब्राजील इससे सबसे यादा प्रभावित है।

ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ ने लातिन अमेरिकी देशों से एकजुट होकर इससे लड़ने की अपील की है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने टीकों और उपचार के विकास में तेजी की अपील की है। विशेषज्ञों के अनुसार जीका वायरस को खत्म करने के लिए टीका तैयार करने में कम से कम दो साल का वक्त लग सकता है।