नहीं रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद, महबूबा बन सकती हैं J&K की CM
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का आज सुबह आठ बजे यहां स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। सईद को सीने में संक्रमण के बाद 24 दिसम्बर को एम्स में भर्ती कराया गया था। उन्हें आईसीयू में रखा गया था और वह कल से जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। उनके निधन के बाद जम्मू-कश्मीर में तीन दिन के शोक का ऐलान किया है।
महबूबा मुफ्ती बन सकती हैं अगली मुख्यमंत्री
सईद के परिवार में एक बेटा और तीन बेटियां हैं, जिनमें से बड़ी बेटी महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। सईद केंद्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में गृहमंत्री भी रहे थे। सईद के निधन का समाचार मिलते ही परिजन और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी अस्पताल पहुंच गए। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सईद के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है। वहीं कहा जा रहा है कि अब महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर की अगली मुख्यमंत्री बन सकती हैं।
पिछले साल बने थे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री
सईद ने पिछले साल मार्च में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वहीं एम्स के ट्रॉमा सेंटर में ट्रॉमा सर्जरी एवं क्रिटिकल केयर के अतिरिक्त प्रोफेसर गुप्ता ने कहा था कि एन्डोक्रिनोलॉजी एंड मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों की एक टीम उनकी देखरेख कर रही थी। सईद को 24 दिसम्बर को तेज बुखार और गर्दन दर्द से पीड़ित होने के कारण जम्मू एवं कश्मीर से दिल्ली लाकर एम्स में दाखिल कराया गया था फिर उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था। सईद मधुमेह के रोगी हैं और वह एम्स में हर महीने नियमित जांच के लिए आते रहते हैं।
महबूबा को मुख्यमंत्री बनाने के दिए थे संकेत
जब से सईद बीमार थे और दिल्ली में भर्ती थे, तभी से मेहबूबा को अगला सीएम बनाने की चर्चा थी। इससे पहले 13 नवंबर को खुद मुफ्ती ने कहा था कि मेहबूबा सीएम बन सकती हैं और वे रिटायर हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि महबूबा ने विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी अध्यक्ष के तौर पर काफी अच्छा काम किया और उनके प्रयासों से ही पार्टी को इतनी बड़ी संख्या में वोट मिले। वह राज्य के लोगों के साथ लगातार संपर्क में हैं और उनकी कोशिशों से ही पार्टी जम्मू के लोगों में भरोसा कायम करने में सफल रही है। उन्होंने कहा था कि वह प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं, लेकिन मुफ्ती का जमीनी स्तर पर लोगों के साथ अच्छा संपर्क है। पूर्व उप मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग और तारिक हामिद कारा द्वारा पार्टी हाईकमान के खिलाफ बिगुल बजाने पर उन्होंने कहा था कि इस तरह की बातें तो हर पार्टी में होती है। लोकतंत्र में तो सबको बोलने का अधिकार होता है। बेग पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं।
मुख्यमंत्री बनते ही दिया था विवादित बयान
मुफ्ती मोहम्मद सईद ने बीजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई थी। वे पिछले साल मार्च में मुख्यमंत्री बने थे। मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अलगाववादियों, पाकिस्तान और आतंकवादियों ने मिलकर जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए बेहतर माहौल तैयार किया। सईद ने राज्य में अच्छे माहौल में इलेक्शन होने का क्रेडिट सिक्युरिटी फोर्सेज को नहीं दिया था। हालांकि इस बयान के बाद काफी बवाल मचा था, लेकिन मुफ्ती अपने बयान पर अड़े हुए थे। उन्होंने कहा था कि मैंने जो कह दिया वह कह दिया।
पीडीपी ने अफजल गुरू की फांसी को बताया था \’न्याय का मजाक\’
मुफ्ती के कार्यकाल के दौरान पीडीपी ने संसद हमले के अपराध में फांसी पर चढ़ाए गए अफजल गुरू की सजा को न्याय का मजाक करार दिया था। पीडीपी विधायकों ने कहा था कि विधायक इंजीनियर राशिद ने विधानसभा में अफजल गुरू पर प्रस्ताव रखकर सही काम किया था। इन लोगों ने अफजल गुरू के अवशेषों को कश्मीर लाए जाने की भी मांग की है। निर्दलीय विधायक राशिद ने 2011 में अफजल को माफी दिए जाने का प्रस्ताव रखा था।