सोमवार रात भोपाल आए दिग्विजय ने पत्रकारों से चर्चा में माना कि उन्होंने राजगढ़ छोड़ किसी अन्य सीट से चुनाव लडऩे की इच्छा जताई थी, लेकिन उनके लिए नई सीट नहीं मिली। इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें लोकसभा चुनाव लडऩे या संगठन में काम करने के बारे में पूछा तो उन्होंने संगठन में काम करने की इच्छा जताई। दिग्विजय ने एक सवाल के जवाब में माना कि वे हमेशा से राज्यसभा को बैकडोर एंट्री मानते रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा को एल्डर्स हाउस माना जाता है और अब वे एल्डर हो गए हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्यसभा जाने का यह अर्थ नहीं है कि लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकते।

दस साल के राजनीतिक वनवास के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह राज्यसभा में जाएंगे। कांग्रेस ने उन्हें मप्र से राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया है। दिग्विजय राजगढ़ छोड़कर किसी अन्य संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लडऩा चाहते थे, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। यह फैसला भी लिया गया है कि प्रभारी राष्ट्रीय महासचिवों को लोकसभा चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा।