मंदसौर-साक्षी की उम्र महज 12 वर्ष है और 7वीं कक्षा में ही पढ़ती है पर समझदार इतनी है कि तीन बाल विवाह रुकवा चुकी है और आगे भी इसी तरह की कार्रवाई कराने के लिए कमर कस चुकी है। एनजीओ संचालक मां से मिले संस्कारों का ही नतीजा है कि वह इस उम्र में ही ठान चुकी है कि किरण बेदी जैसा बनना है। इसके अलावा उसे 350 रेसिपी तो मुंहजुबानी याद है।

जैन माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 7 में अध्ययनरत 12 वर्षीय साक्षी जुगलसिंह राठौर दिखने में तो अन्य बच्चों की तरह ही है पर उसकी समझ व जज्बा उसे अपनी उम्र से बड़ा बना रहा है। 17 साल से सार्वजनिक महिला एवं बाल कल्याण समिति एनजीओ चला रही साक्षी की माता रामकुंवरसिंह राठौर घर में बार-बार हमेशा कहती रहती थीं कि 18 साल से कम उम्र में लड़की की शादी बाल विवाह के अंतर्गत आती है और यह नहीं होना चाहिए। माता की बातों का कुछ ऐसा असर हुआ कि उसने स्कूल सहित अपने घर के आसपास हो रहे तीन बाल विवाह रुकवा दिए।

साक्षी की कहानी

उसकी जुबानी

मंदसौर में पदस्थ बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा मेरे मामा के दोस्त हैं। नवंबर 2014 में मेरे स्कूल में ही पढ़ने वाली कक्षा 8वीं की लड़की ने मुझे अपनी शादी की पत्रिका दी थी। पत्रिका देखकर मैंने तत्काल श्री शर्मा को सूचना दी और उन्होंने पहुंचकर शादी रुकवा दी थी। इसके अलावा अपनी कॉलोनी कैलाश विहार से सटी इंद्रा कॉलोनी में भी 13 वर्षीय एक लड़की की शादी हो रही थी। उस समय भी राघवेंद्र शर्मा को ही सूचना दी, तब घर जाकर शादी रुकवा दी थी।

वहीं लगभग साल भर पहले इंद्रा कॉलोनी में ही एक नाबालिग लड़के की शादी होने की सूचना पर भी बाल संरक्षण अधिकारी को सूचना दी थी। तब विभाग के अधिकारियों ने उसकी जागरूकता की प्रशंसा करते हुए पुरस्कार के लिए अनुशंसा करने की भी घोषणा की थी।

समाज को साफ

करने की मंशा

बुलंद हौसले वाली साक्षी के पिता एक बस चालक हैं और छोटी बहन शीतल राठौर भी जैन मावि में कक्षा छठी में पढ़ रही है। साक्षी बड़ी होकर किरण बेदी जैसी बनना चाहती है। इसके जरिये समाज को साफ करने की मंशा है। इधर उसने अखबारों में पढ़-पढ़कर ही लगभग 350 रेसिपी भी याद कर ली है और बना भी लेती है।