भोपाल। सूखा प्रभावित किसानों को दीपावली के बाद सूखा राहत राशि मिलना शुरू हो जाएगी। राज्यपाल रामनरेश यादव की विशेष अनूपुरक बजट को मंजूरी मिलने के बाद राजस्व विभाग ने संबंधित कलेक्टरों को सोमवार देर शाम रकम भेज दी है। इसके चलते दीपावली के बाद से किसानों के खाते में सूखा राहत राशि पहुंचना शुरू हो जाएगी। इस विलंब का कारण एक घोषणा पत्र है, जिसे किसानों को भरना होगा, फिर राहत राशि उनके खाते में पहुंचेगी।

हालांकि राहत राशि त्‍योहार के बाद हाथ आएगी, लेकिन इसके बावजूद ये किसानों के लिए बड़ी राहत होगी। रबी सीजन की बोनी के लिए बीज, खाद लेने के लिए भी राहत राशि से काफी मदद मिलेगी। दरअसल सूखे से फसल बर्बाद होने से किसान बदहाली की स्थिति में है। उनकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। ऐसे में यह राहत राशि उनके लिए संजीवनी का काम करेगी। उल्लेखनीय है कि किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने 5 नवंबर को विशेष अनूपुरक बजट विधानसभा सत्र बुलाया था। इसमें 8 हजार 406 करोड़ से ज्यादा के बजट को मंजूरी दी गई थी। इसमें किसानों को दी जाने वाली सूखा राहत राशि 3000 करोड़ सहित फसल बीमा, बिजली, जलसंसाध्ान और सहकारिता बैंक शामिल है।

दो हजार रुपए से कम नहीं होगा मुआवजा

राज्य सरकार ने तय किया है किसी भी किसान को दो हजार रुपए से कम राहत राशि नहीं दी जाएगी ,चाहे उसका नुकसान इससे कम क्यों न हुआ हो। फिलहाल जो तय किया गया है उसके मुताबिक किसानों को सोयाबीन की फसल पर प्रति हेक्टेयर 9 हजार रुपए की दर से मुआवजा बांटा जाएगा। ये सिर्फ दो हेक्टेयर तक के किसानों के लिए होगा। इससे बड़े किसानों के लिए साढ़े छह हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान दिया जाएगा। किसी भी सूरत में किसान को 60 हजार रुपए से अधिक भुगतान नहीं दिया जाएगा।

घोषणा पत्र देना होगा अनिवार्य

किसानों को राहत राशि के लिए कलेक्टर कार्यालय में एक घोषणा पत्र देना होगा। इसमें बताना होगा कि वह और उसके परिवार का कोई भी सदस्य आयकर ,वृत्तिकर और सेवा कर के दायरे में नहीं है। इसके बाद ही किसानों के खाते में राहत राशि पहुंच पाएगी। बैकों को सरकार ने ये निर्देश भी दे दिए हैं कि किसी भी हालत में कर्ज के भुगतान के लिए राहत राशि से रकम न काटी जाए।