कई सालों बाद आ रही है ऐसी दिवाली, बन रहा है ये खास संयोग
सागर।ग्रह-नक्षत्रों के अद्भुत संयोग व सूर्योदय की तिथि के आधार पर दीपोत्सव का पर्व मनाए जाने से इस बार दीपोत्सव विशेष फलदायी होगा। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक दीपोत्सव का पर्व सदैव ही शुभ संकेतों को लेकर आती है, लेकिन इस वर्ष सूर्योदय की तिथि के आधार पर व ग्रहों के समीकरण से दीपोत्सव हजार गुणा अधिक पुण्यदायी होगा।
6:21 के बाद से चतुर्दशी की तिथि प्रारंभ हो जाएगी
दीपोत्सव 9 नवम्बर से 13 नवम्बर तक मनाया जाएगा। इस दौरान भक्तों पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी। ज्योतिषाचार्य कृष्णमोहन कटारे ने बताया कि वैसे तो हर साल दीपोत्सव का पर्व खास होता है। इस वर्ष दीपोत्सव की तिथि सूर्योदय के आधार पर मनाई जाएगी। 9 नवम्बर को धनतेरस की तिथि शाम 6:21 तक ही रहेगी। इसके उपरांत चतुर्दशी की तिथि प्रारंभ हो जाएगी।