भोले की भक्ति में रमे श्रद्घालु
मंदसौर। श्रावण के पहले सोमवार को शहर सहित जिले भर के शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहा। भोले की भक्ति में रमे श्रद्घालु सुबह से शिव मंदिरों में पहुंचे और जलाभिषेक किया। शहर की आस्था के प्रमुख केंद्र श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में भी अल सुबह से श्रद्घालुओं का आना शुरू हो गया था। देर रात तक शहर सहित जिले भर से आए हजारों भक्तों ने पशुपतिनाथ भगवान के दर्शन किए। शहर के सभी शिव मंदिरों में ॐ नमः शिवाय की गूंज सुनाई दी। शाम को पशुपतिनाथ महादेव सहित सभी शिवालयों में आकर्षक श्रृंगार किया गया। पशुपतिनाथ मंदिर में सोमवार को भी लगभग 100 से अधिक जोड़ों ने मनोकामना अभिषक में भाग लिया।
सोमवार को श्री पशुपतिनाथ मंदिर में अलसुबह से ही ग्रामीण क्षेत्रों सहित आसपास के जिलों में श्रद्घालु आना शुरू हो गए थे। सुबह कतार में लगकर भक्तों ने भोलेनाथ के दर्शन कर जलाभिषेक किया। अंचल से आए सैकड़ों भक्तों ने भगवान के दर्शन से पहले शिवना घाट पर स्थान भी किया। जागेश्वर महादेव, भूतेश्वर महादेव, तापेश्वर महादेव, घुमटेश्वर महादेव, नीलकंठ महादेव, विश्वपति शिवालय, सोमेश्वर महादेव, वटेश्वर महादेव, अमलेश्वर महादेव सहित सभी शिवालयों में भी भक्तों का तांता लगा रहा। शाम को भी महाआरती कर प्रसादी वितरण की गई। जिले भर के शिवालयों में श्रावण के पहले सोमवार पर भक्तिमय माहौल रहा। श्रद्घालुओं ने दूध-दही से भी भगवान का अभिषेक किया और बिल्व-पत्र चढ़ाकर शीश नवाया। मुख्य मंदिरों पर पुलिस व प्रशासन द्वारा सुरक्षा के लिए जवानों को तैनात किया गया था। शाम को ही कई मंदिरों पर आकर्षक श्रृंगार किया गया। शिव मंदिरों में सुबह बाबा की आरती उतारकर भोग लगाया गया।
ग्रामीणों ने किए
भजन-कीर्तन
पशुपतिनाथ मंदिर में दिन भर बड़ी संख्या में ग्रामीण आते रहे। ग्रामीण पशुपतिनाथ मंदिर परिसर पर भजन कीर्तन भी किए। ग्राम रायनखेड़ा से आए कई ग्रामीणों ने मंदिर परिसर में ही स्थित तापेश्वर मंदिर के बाहर लगभग दो घंटे तक भजन-कीर्तन किए।
कृषि विभाग के
कर्मचारी शामिल
भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में चल रहे मनोकामना अभिषेक में सोमवार को 100 से अधिक भक्तों ने भाग लिया। इसमें शहर सहित अंचल से कई भक्त शामिल हुए। कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
भगवान की भक्ति में करें
शुक्ल द्रव्य का उपयोग
मनोकामना अभिषेक के शुभारंभ पर ज्योतिषाचार्य पं. उमेश जोशी ने कहा कि भगवान की भक्ति व सेवा में हमेशा शुक्ल द्रव्य का उपयोग करना चाहिए। अनीति से कमाए गए धन का उपयोग प्रभु की सेवा में नहीं करें। अनीति से कमाए धन का उपयोग भगवान की भक्ति व सेवा में करने से लाभ नहीं, नुकसान ही होगा। मेहनत की कमाई का कुछ अंश भी सेवा में लगाने से बहुत अधिक लाभ होता है।
अभिषेक का मिलेगा
सुखद परिणाम
अभिषेक कराने वाले विद्वानों ने कहा कि पशुपतिनाथ का समूचा परिक्षेत्र अध्यात्मिक ऊर्जा व प्राकृतिक सौंदर्य से ओत-प्रोत है। शास्त्रों में श्रावण मास को भगवान भोलेनाथ की भक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। अभिषेक में भागीदारी करने से श्रद्घालुओं को निश्चित सुखद परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण अभियान के प्रति सभी को चिंतन करना चाहिए।
प्रशासनिक अधिकारी
भी थे उपस्थित
पशुपतिनाथ मंदिर पर श्रावण के पहले सोमवार को प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एसपी मनोज शर्मा ने व्यवस्थाओं काा निरीक्षण भी किया। मंदिर परिसर में अपर कलेक्टर वीरसिंह चौहान, सीएसपी चंचल नागर, नई आबादी टीआई जीएल बिलोनिया के अतिरिक्त लगभग 25 से 30 पुलिस जवान परिसर में तैनात थे।