इस बार लोकसभा चुनाव आंदोलन जैसा होगा
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के तीखे हमले पर उलझने के बजाय भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी फिलहाल विकास के एजेंडा और देश के लिए अपनी सोच पर ही डटे दिखना चाहते हैं। शायद यही कारण है कि बाबा रामदेव के मंच पर मोदी आए तो अपने इरादों और ट्रैक रिकॉर्ड का हवाला दिया और प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर कहा कि वह अनाप-शनाप आरोपों को तवज्जो नहीं देते।
तालकटोरा स्टेडियम के भरे सभागार में उन्होंने विश्वास दिलाया कि उनके पास इरादा है और कुछ कर गुजरने की क्षमता है। उन्होंने रामदेव की उम्मीदों पर भी खरा उतरने का वादा किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहला चुनाव आ रहा है जिसने पुरानी परंपराओं को नष्ट कर दिया है। चुनाव उम्मीदवार, जातिगत समीकरण से उठकर विकास के एजेंडे पर आ गया है। लिहाजा इस बार का चुनाव भी एक आंदोलन की ही तरह होगा। देश के स्वाभिमान की बात की तो जीएसएलवी-5 के लिए वैज्ञानिकों को बधाई भी दी।
मोदी ने आज अपनी गरीबी वाले दिनों से अब तक के सफर का जिक्र कर खासतौर से गांव-किसान और गरीब के साथ-साथ युवा व आधुनिक भारत के साथ संवाद करने में अपनी ऊर्जा लगाई। मोदी ने फर्श से अर्श तक के अपने सफर का जिक्र किया और भरोसा दिलाया कि वह पद के लिए नहीं कुछ कर गुजरने के लिए पैदा हुए हैं। जाहिर तौर पर रामदेव के गैरसियायी मंच से वह पीएम के तीखे बयान पर न उलझे हों, लेकिन कांग्रेस पर हमला करने से नहीं चूके।
रविवार को रामदेव के स्वाभिमान मंच पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उपस्थित था। मोदी के साथ पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने भी सभा को संबोधित किया। एक-एक कर सभी नेताओं और खुद रामदेव ने पीएम के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें मनमोहन सिंह ने मोदी को देश के लिए विनाशकारी बताया था।
रामदेव ने कहा कि मोदी देश के लिए तो नहीं लेकिन कांग्रेस के लिए जरूर विध्वंसकारी होंगे। मोदी ने पीएम को तरजीह नहीं दी। हां, यह जरूर याद दिला दिया कि वह गरीब घर में जन्मे और चाय बेचने से लेकर मजदूरी तक की है। लगभग 45 मिनट के भाषण में मोदी ने अलग-अलग पहलुओं पर विकास की सोच रखी और भरोसा दिलाने की कोशिश की कि परिवर्तन की आशाओं को भाजपा व मोदी ही पूरी करेंगे।
मोदी के निशाने पर तो कांग्रेस और केंद्र सरकार ही थी, लेकिन परोक्ष रूप से आप भी नहीं बची। उन्होंने कहा, ‘समर्थन से पहले ट्रैक रिकॉर्ड देख लेना। ऐसा न हो कि सिर्फ टेप रिकॉर्ड चल रहा हो।’ याद दिलाया कि गुजरात में उन्होंने छोटे से बड़े क्षेत्रों में विकास भी किया है और अफसरशाही व भ्रष्टाचार पर लगाम भी लगाई है।