चार्टर प्लेन फोरलेन पर उतरा
प्रदेश के बैतूल जिले के सोहागपुर गांव के समीप फोरलेन हाईवे पर मंगलवार सुबह एक निजी चार्टर प्लेन के पायलट को प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग करना प़़डी। इमरजेंसी लैंडिंग की सूचना मिलने के बाद फोरलेन पर यातायात रोका गया और बैतूलबाजार थाने की पुलिस एवं फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा सम्हाल लिया था। हालांकि पायलट की सूझबूझ से विमान सुरक्षित रूप से फोरलेन स़़डक पर उतर गया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक अप्रवासी भारतीय सैम वर्मा के निजी चार्टर प्लेन सेसना को मंगलवार की सुबह 9 बजे पायलट जैकब ने जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर सोहागपुर स्थित श्री वर्मा की निजी हवाई पट्टी से टेस्टिंग के लिए उ़़डाया था। चार्टर प्लेन के उ़़डान भरने के बाद अचानक तेज हवा और धुंध छा गई। पायलट ने जब प्लेन को उतारने का प्रयास किया तो प्लेन तेज हवा के कारण हवाई पट्टी तक पहुंच नहीं पाया। पायलट ने तत्काल ही श्री वर्मा से संपर्क कर प्लेन के हवाई पट्टी तक न पहुंचने के कारण हाईवे पर आपात लैंडिग करने की जानकारी दी। श्री वर्मा ने इस बारे में पुलिस कंट्रोल और थाने को सूचना दी। फोरलेन पर तत्काल ही यातायात रोका गया और पायलट ने प्लेन की सुरक्षित लैंडिंग हाईवे पर कर दी।
एनएचएआई ने लगाए 120 फट ऊंचे खंबे
अप्रवासी भारतीय सैम वर्मा ने बताया कि उनकी हवाई पट्टी के समीप नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया ने टोल बेरियर का निर्माण किया है। यहां पर रोशनी के लिए 120 फीट ऊंचे खंबे लगा दिए गए हैं। इससे हवा की दिशा अचानक बदल रही है और प्लेन को टेक-ऑफ करने एवं लैंड करने में बेहद मुश्किल हो रही है। आज एक ब़़डी घटना पायलट की सूझबूझ से टल गई। उन्होंने बताया कि पायलट को 120 फीट ऊंचे खंबे लगे होने की जानकारी थी इस कारण प्लेन उनसे नहीं टकरा पाया अन्यथा प्लेन क्रेश हो सकता था।
वर्मा ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने अक्टूबर में ही कलेक्टर और एनएचएआई के अफसरों को पत्र भी लिखे लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है।
34 मिनट तक थमी रहीं सांसें
चार्टर प्लेन के पायलट जैकब ने बताया कि उनके जीवन में आज तक ऐसा मौका नहीं आया। पूरे 34 मिनट तक प्लेन तेज हवा के कारण डगमगाता रहा और उन्हें उसे उतारने के लिए कोई सुरक्षित स्थान ही नहीं मिल रहा था।
पायलट के मुताबिक एनएचएआई द्वारा टोल बेरियर के पास स्थापित किए गए 120 फीट ऊंचे खंबे हवा का रुख बदल देती हैं। जैकब के मुताबिक यदि फोरलेन सड़क नहीं होती तो फिर पता नही प्लेन कहां उतार पाता।