नई दिल्ली: कई दिनों से जारी संसद के गतिरोध को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में भी आज सांसद निरंजन ज्योति के मसले पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि निरंजन ज्योति ने अपने बयान को लेकर माफी मांग ली है और सदन के वरिष्ठ नेताओं का यह कर्तव्य बनता है कि उन्हें क्षमा कर दें। मैंने उनके बयान की निंदा भी की है।मोदी ने कहा कि निरंजन ज्योति नई हैं और सदन में पहली बार आई हैं। उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि गांव की हैं । उन्होंने माफी मांग ली है, इसलिए उन्हें माफ कर दें और सदन चलने दें। हमें मर्यादा नहीं तोड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने कठोरता से इस मसले पर कहा था कि ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं हो। क्योंकि उन्होंने माफी मांग ली है इसलिए अब इस विवाद को खत्म कर देना चाहिए।साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बावजूद संसद में गतिरोध नहीं टूटा। विपक्ष नरेंद्र मोदी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ। लिहाजा दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा में) काफी देर तक इस मुद्दे पर हंगामा होता रहा। लोकसभा से विपक्ष ने वॉकआउट किया जबकि राज्यसभा को हंगामे की वजह से दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया।

साध्वी के बयान के मुद्दे पर कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने संसद के बाहर धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इस धरने में शामिल थे। प्रदर्शन के दौरान सभी सांसदों ने मुंह पर काली पट्टी बांध रखी थी। दरअसल, विपक्ष निरंजन ज्योति के इस्तीफे पर अड़ा हुआ है। सरकार ने साफ कर दिया है कि चाहे जो हो जाए, साध्वी का इस्तीफा नहीं होगा।

गौर हो कि संसद के दोनों सदनों में साध्वी निरंजन ज्योति के बयान पर लगातार हंगामा हो रहा है। निरंजन ज्योति अपने बयान के लिए माफी मांग चुकी हैं। विपक्ष की मांग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा और लोकसभा में बयान भी दिया है गुरुवार को भी प्रधानमंत्री के बयान के बावजूद राज्यसभा में कोई काम नहीं हो सका था।