‘ओबामा की यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों के लिए निर्धारक समय’
वाशिंगटन : भारत में अमेरिकी राजदूत पद के लिए नामांकित रिचर्ड राहुल वर्मा ने सीनेटरों से कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत की ‘ऐतिहासिक यात्रा’ करेंगे और यह भारत एवं अमेरिका के संबंधों के लिए ‘निर्धारक एवं रोमांचक’ समय है।वर्मा ने अमेरिकी राजदूत पद के लिए मंजूरी से जुड़ी सुनवाई (कन्फर्मेशन हीयरिंग) के दौरान कल सीनेट की विदेश संबंध मामलों की समिति के सदस्यों से कहा कि इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि भारत और अमेरिका के संबंधों के लिए यह एक निर्धारक और रोमांचक समय है। राष्ट्रपति ओबामा जनवरी में भारत की ऐतिहासिक यात्रा करेंगे। वह अमेरिका के ऐसे पहले राष्ट्र प्रमुख होंगे, जो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होंगे। इसके साथ ही वह अब तक के एकमात्र अमेरिकी राष्ट्रपति भी होंगे, जिन्होंने पद पर बने रहते हुए ही दो बार भारत की यात्रा की होगी। उन्होंने कहा कि ओबामा की यात्रा गत सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेहद सफल रही अमेरिका यात्रा पर आधारित होगी।वर्मा (45) के नामांकन को यदि मंजूरी मिल जाती है तो वह नई दिल्ली में शीर्ष अमेरिकी राजनयिक का पद संभालने वाले अब तक के पहले भारतीय-अमेरिकी होंगे। वह नैंसी पॉवेल की जगह लेंगे, जिन्होंने इस साल अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सीनेट की विदेश संबंध मामलों की समिति के समक्ष वर्मा ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी उनके साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और शांति, न्याय एवं समृद्ध विश्व के साझा नजरिए में निहित है। वर्मा ने कहा कि व्यापार और रक्षा संबंधों को विस्तार देने से समुद्री सुरक्षा और नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने तक, आतंकी नेटवर्कों से निपटने से लेकर स्वच्छ उर्जा और टिकाउ विकास को प्रोत्साहन देने तक अमेरिका तथा भारत विभिन्न महत्वपूर्ण राष्ट्र हितों को साझा करते हैं। हमारी साझेदारी प्रगाढ़ है। इसमें लगभग हर मानवीय पहलू शामिल है और इसने दोनों ही देशों के लिए महत्वपूर्ण लाभों का सृजन किया है।
व्यापार और रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग के संदर्भ में वर्मा ने कहा कि हमारी साझेदारी के प्रभाव सिर्फ एशिया तक सीमित नहीं रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने माना कि इस संबंध की वास्तविक शक्ति और सामथ्र्य यह है जब दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र एकसाथ आते हैं तो उससे दुनिया को लाभ मिलेगा। वर्मा ने कहा कि समय-समय पर हमारे बीच मतभेद होते रहेंगे- करीबी दोस्तों के भी होते हैं लेकिन जब हमारे मतभेद भी हों, तब जरूरी है कि एक स्वस्थ संवाद बना रहे।
उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह ही नई दिल्ली में एक सफल व्यापार नीति फोरम का आयोजन किया गया। हाल ही में स्थापित असैन्य-परमाणु संपर्क समूह प्रमुख क्षेत्रों में सहमति बनाने के लिए सहयोग और संवाद के आधार पर चलने वाले हमारे रवैये के उदाहरण हैं। वर्मा ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच वृहद रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए भी हम अपने हितों के लिए खड़े हो सकते हैं। सीनेट के बहुमत के नेता हैरी रीड ने वर्मा का परिचय सीनेट की समिति के समक्ष कराते हुए कहा कि नयी दिल्ली में इस प्रमुख राजनयिक पद के लिए वह (वर्मा) सबसे पसंदीदा विकल्प हैं। वर्मा ने कहा कि वर्ष 2001 के बाद से दोनों देशों के बीच का द्विमार्गी व्यापार पांच गुना बढ़कर 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि उनकी हालिया मुलाकातों में ओबामा और मोदी ने व्यापार को और पांच गुना बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई, जिससे अमेरिका और भारत दोनों में हजारों नए रोजगार पैदा होंगे।उन्होंने कहा कि रक्षा मोर्चे पर, अमेरिका पिछले तीन सालों में भारत को रक्षा साजोसामान उपलब्ध करवाने वाले सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक बन गया है। सह-उत्पादन और विकास की परियोजनाओं की पहचान के लिए और हमारे 10 वर्षीय रक्षा संरचना समझौते के नवीकरण के लिए चर्चाएं जारी हैं। उन्होंने कहा कि जनता से जनता के बीच हमारे संपर्क विकसित हो रहे हैं। इस समय एक लाख से ज्यादा भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ रहे हैं और अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों की संख्या इस समय 30 लाख से भी ज्यादा है, जिनके द्वारा अमेरिका के समाज के लिए बड़े और दीर्घकालीन योगदान जारी हैं।