अमेरिका में भारत की पूर्व राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के खिलाफ वीजा धोखाधड़ी मामले में एक बार फिर आपराधिक आरोप तय किए गए हैं. दो दिन पहले ही न्यूयॉर्क के एक जस्टिस ने उनके खिलाफ उक्त मामले में आरोप खारिज किए थे.अमेरिकी अभियोजक प्रीत भरारा की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है, ‘एक ग्रैंड जूरी ने देवयानी खोबरागड़े के खिलाफ दो आपराधिक आरोपों को प्रथम दृष्टया सही माना है.’ भरारा के कार्यालय ने खोबरागड़े पर वीजा धोखाधड़ी और अमेरिका में अपनी घरेलू सहायिका संगीता रिचर्ड को नौकरी पर रखे जाने के मामले में गलतबयानी का आरोप लगाया था.

खोबरागड़े के अधिवक्ता डेनियर अरशाक ने फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है. वीजा धोखाधड़ी और अपनी घरेलू सहायिका को कम वेतन देने के मामले में खोबरागड़े को पिछले साल 12 दिसंबर को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था और कपड़े उतारकर उनकी तलाशी ली गई थी, जिसके बाद भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक तनाव पैदा हो गया था. वह नौ जनवरी को भारत लौटीं और फिलहाल विदेश मंत्रालय में तैनात हैं.

अमेरिकी जिला न्यायाधीश शिरा स्केइडिंलिन ने बुधवार को कहा था कि न्यूयॉर्क में भारत की पूर्व उप महावाणिज्यदूत को नौ जनवरी को संयुक्त राष्ट्र में अपनी नई नियुक्ति के तहत राजनयिक विशेषाधिकार हासिल हैं और उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता.

भरारा के कार्यालय ने हालांकि कहा कि जिला न्यायाधीश का फैसला अभियोजकों को पूर्व के आरोपों के आधार पर नए अभियोग लगाने से नहीं रोकता. अब वह देश छोड़कर जा चुकी हैं और उन्हें कूटनीतिक प्रतिरक्षा हासिल नहीं है. इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि खोबरागड़े को जनवरी में केवल एक दिन के लिए राजनयिक छूट हासिल थी.