यूपी में चार जगह EVM के दुरुपयोग के आरोपों पर चुनाव आयोग ने दिया ये जवाब
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज व झांसी में जिन ईवीएम के परिवहन को लेकर गलतफहमी फैलाई गई है, दरअसल वह मशीनें मतदान में प्रयुक्त ही नहीं हुईं बल्कि यह ऐसी मशीनें थीं जो अतिरिक्त थीं या जिनका इस्तेमाल मतदान में नहीं किया गया था। ऐसी मशीनों के परिवहन को लेकर भ्रांति फैलायी गई। मामले प्रकाश में आने पर तत्काल जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी ने शिकायतकर्ता प्रत्याशियों व दलों के नेताओं से बातचीत की और उन्हें पूरी तरह संतुष्ट किया।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल.वेंकटेश्वर लू ने कहा है कि प्रदेश में किसी भी लोकसभा सीट के मतदान से संबंधित इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। मतदान में इस्तेमाल हुई सभी ईवीएम व वीवीपैट स्ट्रांग रूम में सुरक्षित हैं। मतगणना होने तक इन मशीनों की त्रिस्तरीय कड़ी सुरक्षा की जा रही है और मशीनों से छेड़छाड़ की कोई भी गुंजाईश नहीं है। इलेक्ट्रानिक मीडिया और सोशल मीडिया पर इस बाबत चल रही खबरों को उन्होंने कोरी अफवाह करार दिया।
मंगलवार की दोपहर अचानक बुलाई गई प्रेस कान्फ्रेंस में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि गाज़ीपुर में एक प्रत्याशी द्वारा मतदान में इस्तेमाल हुई ईवीएम के स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए पहले मांग की गई कि उनके 5 प्रतिनिधियों को, फिर 3 प्रतिनिधियों को, फिर दो प्रतिनिधियों को 8-8 घंटे की शिफ्ट में रहने की अनुमति दी जाए।
जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सभी प्रत्याशियों को समान अवसर के सिद्धांत के तहत प्रत्येक स्ट्राँग रूम की निगरानी के लिए प्रत्येक शिफ्ट में प्रत्येक प्रत्याशी का एक प्रतिनिधि अनुमन्य किया गया है ताकि सुरक्षा की दृष्टि से अधिक संख्या में लोगों की भीड़ को टाला जा सके। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा की गई उक्त व्यवस्था से संबंधित प्रत्याशी सहमत हुए और उनके प्रतिनिधि दी गई व्यवस्थानुसार स्ट्राँग रूम की निगरानी कर रहे हैं। मतदान में प्रयुक्त हुई मशीनों के स्ट्राँग रूम की सुरक्षा केन्द्रीय पुलिस बल द्वारा निरन्तर 24 घंटे की जा रही है।
चन्दौली लोकसभा सीट के बारे में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि रिजर्व,अप्रयुक्त ईवीएम तथा वीवीपैट, सभी राजनैतिक दलों, प्रत्याशियों को पूर्व में सूचित करते हुए परिसर में निर्धारित स्ट्राँग रूम में रखी जा रही थीं। एक राजनैतिक दल के प्रतिनिधियों द्वारा इसका विरोध किया गया और मांग की गई कि उक्त रिजर्व, अप्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थानांतरित किया जाए।
उक्त रिजर्व, अप्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को कलेक्ट्रेट कार्यालय में सभी संबंधित के समक्ष रखवाया गया, जिस पर संबंधित राजनैतिक दल के प्रतिनिधियों द्वारा लिखित रूप में पूरी प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया गया। डुमरियागंज(सिद्धार्थनगर) का मामला 13 मई का है। सिद्धार्थनगर से मतदान में अप्रयुक्त, रिजर्व ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को आवश्यकतानुसार अगले चरण के चुनाव वाले जनपदों में स्थानांतरित या ले जाए जाने से संबंधित है। कुछ राजनैतिक दलों द्वारा उक्त स्थानांतरण का विरोध किया गया।
जिला निर्वाचन अधिकारी के हस्तक्षेप के पश्चात उक्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने चुनाव में प्रयुक्त हुई ईवीएम और वीवीपैट के स्ट्राँग रूम का मौके पर निरीक्षण किया गया और प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया गया। अप्रयुक्त ईवीएम, वीवीपैट मशीनों की संख्या और सूची प्रत्याशियों व राजनैतिक दलों को दी गई है। झाँसी लोकसभा सीट के बारे में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यह मामला सिटी मजिस्ट्रेट, झाँसी के वाहन में रखी ईवीएम से जुड़ा है।
यह मतदान में अप्रयुक्त ईवीएम थी और मतदान के पश्चात 29 व 30 अप्रैल को मतदान की समाप्ति के बाद संबंधित स्ट्राँग रूम में वापस रखने के लिए ले जाई जा रही थी। यह पूरी प्रक्रिया प्रत्याशियों के समक्ष पूरी की गई जिसपर उनके द्वारा संतोष व्यक्त किया गया। इस प्रकरण की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा तत्समय ही तत्काल मीडिया को दी गई थी।
मतगणना में बवाल की आशंका से आयोग ने पुलिस को किया सतर्क
ईवीएम के मुद्दे पर छिड़े विवादों के कारण 23 मई को होने वाली मतगणना के दौरान बवाल की आशंका से पुलिस विभाग खासा सतर्क हो गया है। मतगणना के दौरान और उसके बाद हार-जीत की प्रतिक्रिया में होने वाले विवादों को रोकने के लिए इस बार खास इंतजाम किए जा रहे हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यूपी में मतगणना स्थलों पर सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा करेंगे।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल. वेंकटेश्वर लू की ओर से सभी जिलों के प्रशासनिक अमले को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में ईवीएम को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा गया है। स्ट्रांग रूम के बाहर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा है जिसमें केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल, पीएसी व पुलिस के जवान तैनात हैं। स्ट्रांग रूम के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे 24 घंटे की अनवरत रिकार्डिंग कराई जा रही है। इन कैमरों में हर पल की गतिविधि कैद हो रही है।