छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के तोंगमाल में मंगलवार को बड़े नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 16 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 27 जवान लापता बताए जा रहे हैं. दरभा घाटी में हुए इस हमले में कई जवान घायल भी हुए हैं.मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 16 लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है. आईजी दीपांशु काबरा ने बताया कि बस्‍तर-सुकमा बॉर्डर पर तोंगपाल इलाके में तकबाड़ा गांव के करीब नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला कर दिया. हमले में करीब 55 जवान घिर गए. नक्‍सलियों ने पहले आईईडी ब्‍लास्‍ट किया और फिर सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवान मोहन सिंह के शव में आईईडी बम लगा दिया था. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस की टीम ने सतर्कता बरतते हुए शव को चेक किया, और आईईडी बम बरामद कर लिया गया. जिले के तोंगपाल और झीरम गांव के करीब सड़क निर्माण का काम चल रहा है.

झांसा देकर बुलाए गए जवान!
नक्सलियों का यह हमला पूर्व नियोजित बताया जा रहा है. नक्सली पूरी तैयारी से आए थे. जवानों को घेरने के लिए बाकायदे एक रणनीति बनाई गई. सुबह 10 बजे से थोड़ा पहले, तोंगपाल पुलिस स्टेशन को फोन पर सूचना दी गई कि सड़क बनाने वाली मशीन को आग लगा दी गई है. इसके बाद 40 जवानों की एक टीम तोंगपाल से रवाना हो गई. बस्तर पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल अरुण देव गौतम ने बतया, ‘एक पतली सड़क पर दोनों ओर से जवानों को करीब 200 माओवादियों ने घेर लिया.’

तोंगपाल से 15 किलोमीटर दूर, जब जवान वहां पहुंच गए, माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी और सभी जवान ‘किलिंग जोन’ में आ गए. इस वक्त सुबह के 10:30 बज रहे थे. सूत्रों ने बताया कि माओवादी सुरक्षा बलों के कुछ हथियार भी उठा ले गए.

पहले आईईडी ब्लास्ट, फिर फायरिंग
इस टीम में शामिल सीआरपीएफ के एक जवान ने बताया, ‘पार्टी के ऊपर फायरिंग की गई जिसमें 4 जवानों की मौत हो गई. उसके बाद रिइनफॉर्समेंट के लिए 80 जवान गए. जब वे घटना स्थल पर जमा थे, इसी दौरान आईईडी ब्लास्ट हुआ, उसमें कई जवान शहीद हुए और कई घायल हैं.’ इस ब्लास्ट के बाद फायरिंग शुरू हो गई. अरुण देव गौतम ने बताया, ‘हां, उन्होंने रिइनफॉर्समेंट टीम पर हमला करने के लिए भी एक टीम लगा रखी थी.’

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ की 80वीं बटालियन के जवान जब सड़क की सुरक्षा कर रहे थे तब नक्सलियों ने घात लगाकर पुलिस दल पर हमला बोल दिया. उन्‍होंने बताया कि नक्सलियों की गोलीबारी के बाद सुरक्षा बल ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी.

घटना की जानकारी मिलते ही घटनास्थल के लिए अतिरिक्त पुलिस बल रवाना कर दिया गया है. शहीद जवानों और घायलों को घटनास्थल से निकालने की कोशिश की जा रही है.

पूर्व सीएम अजित जोगी ने कहा है कि इस हमले के लिए खुफिया विभाग की नाकामी भी जिम्‍मेदार है. उन्‍होंने कहा, ‘राज्‍य सरकार को राजनीतिक इच्‍छाशक्ति दिखानी चाहिए. कानून-व्‍यवस्‍था पर भी काम हो तभी ऐसी घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा. उन्‍होंने ऐसी घटनाओं को राज्‍य सरकार की बहुत बड़ी नाकामी करार दिया है.

गौरतलब है कि इसी इलाके में पिछले साल हुए बड़े नक्‍सली हमले में नंद कुमार पटेल समेत कांग्रेस के कई सीनियर नेता मारे गए थे. लोकसभा चुनाव से पहले छत्‍तीसगढ़ में हुए इस नक्‍सली हमले ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है.

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने नक्सली हमले की निंदा करते हुए कहा है कि नक्‍सली चुनाव से पहले माहौल खराब करना चाहते हैं. विधानसभा चुनावों से पहले भी उन्होंने ऐसा ही हमला किया था पर जनता ने उसे नकार दिया. इस बार उनकी मंशा यही है. राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह दिल्ली से वापस लौट रहे हैं.