असदुद्दीन ओवैसी के बाद प्रकाश राज मोदी की बुराई करते हैं.
1- ‘धर्म, संस्कृति और नैतिकता के नाम पर डर पैदा करना आतंक नहीं तो क्या है?’
2- ‘मैं कोई अवॉर्ड नहीं चाहता. मुझसे न कहें कि अच्छे दिन आएंगे. मैं जाना पहचाना एक्टर हूं, जब आप एक्टिंग करते हैं तो मैं पहचान लेता हूं.’
3- ‘यदि मेरे देश की सड़कों पर युवा जोड़ों को गाली देना और मारपीट करना आतंक नहीं है, यदि कानून अपने हाथ में लेना और गौ-हत्या के शक के बिनाह पर भीड़ का किसी को मारना आतंक नहीं है, यदि गालियों के साथ ट्रोल करना, धमकाना, मतभेद की छोटी सी भी आवाज को दबाना आतंक नहीं है तो फिर आतंक और क्या है.’
4- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह हिंदू नहीं हैं. मोदी सरकार का कोई मंत्री किसी एक धर्म का पूरी तरह से सफाया करने की बात कहता है और प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के अध्यक्ष चुप रहते हैं तो उनके हिंदू होने पर सवाल उठाने को कैसे गलत ठहराया जा सकता है.
5- यही नहीं प्रकाश राज ने एक इंटरव्यू में अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा था कि जबसे मोदी की सरकार आई है उन्हें बॉलीवुड में फिल्में मिलना बेहद कम हो गई हैं.
साल 2019 में प्रकाश राज ने राजनीति में भी कदम रख लिया और वे आगामी लोकसभा चुनाव में निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे हैं. इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि, “मेरी नई यात्रा पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद. मैं कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ूंगा. मैं इसके बारे में बाकी जानकारी कुछ दिनों में मीडिया के साथ साझा करूंगा.” बता दें कि एक जनवरी को प्रकाश राज ने अपने समर्थकों को नये साल की बधाई देते हुए कहा था कि वे एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं. तब उन्होंने ट्वीट किया था, ” एक नई शुरुआत, ज्यादा जिम्मेदारी, आपके समर्थन से मैं आने वाले लोकसभा चुनाव में बतौर स्वतंत्र उम्मीदवार उतरने जा रहा हूं…अब की बार जनता की सरकार.”