रविवार शाम फिर ओलों का कहर बरपा
उज्जैन।ओलों की मार से पहले से प्रभावित गेहूं-चना, आलू-प्याज सहित अन्य फसलों पर रविवार शाम फिर ओलों का कहर बरपा। जिले के घटि्टया, उन्हेल, बड़नगर, तराना, नरवर सहित अंचल के कई इलाकों में एक से डेढ़ घंटे तक तेज बारिश हुई। इस दौरान कई जगहों पर बैर और नीबू आकार के ओले बरसे। कुछ खेत, जहां 50 फीसदी तक फसल खराब हुई थी वहां भी ओलों ने तबाही मचा दी। 10 दिन के भीतर दूसरी बार हुई ओलावृष्टि के कारण अन्नदाता सदमे मे हैं। उन्हें समुचित मुआवजा मिलने की आस है। अंचल मे हुई ओलावृष्टि के कारण शहर के मौसम में ठंडक घुल गई। दोपहर में तपन थी, लेकिन शाम होते ही ठिठुरन बढ़ गई।
मार्च महीने में पहली बार ऎसी ओलावृष्टि हुई कि खेतों में आधे फीट तक बर्फ जम गई। तराना के कुछ गावो मे तो हालात कश्मीर जैसे हो गए। खेत बर्फ से ढंक गए और पैर धंसने जैसी परत जम गई।
नमी के कारण पौधों की जड़ गलने लगी और ये टूट गए। वहीं जिन खेतों मे फसल पक चुकी थी वहां गेहूं कि ऊंबियां नष्ट हो गई, जिस क्षेत्र मे फसल थोड़ी सुरक्षित भी है वहां उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। प्रकृति के इस कहर ने किसानों की कमर तोड़ दी है। हजारों रूपए बोवनी में खर्च व महीनों तक फसल सिंचाई के बाद भी उनके हाथ कुछ नहीं लगा।
विधायक,एसडीएम पहुंचे खेतों में
तराना विधायक अनिल फिरोजिया, एसडीएम माला श्रीवास्वत व अन्य अधिकारियों ने कई गांवों का निरीक्षण कर हालात जाने। जिन किसानों की आधी फसल ठीक थी, उनकी भी पूरी फसल चौपट हो गई। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से दोबारा सर्वे कराने की मांग रखी। तराना के गांव गोलवा, कनासिया, खारपा, मुल्लुपुरा, छापरी, श्यामगी, कनार्दी, बरण्डवा, टिटोड़ी, बगोदा, नाटाखेड़ी, लुनिया खेड़ी, आलूखेड़ी, बीजखेड़ी, नौगांवा आदि मे भारी ओलावृष्टि से लाखों की फसल चौपट हुई।
10 किमी रफ्तार से चली हवा
शहर में भले ही बारिश नहीं हुई, लेकिन अंचल मे ओलावृष्टि का असर शहर में भी देखने को मिला। दोपहर में तेज धूप के कारण तपन बनी हुई थी, लेकिन शाम करीब 5.30 बजे से मौसम मे ठंडक घुल गई। मौसम विभाग के अनुसार आसपास हुई बारिश के कारण शहर मे 10 किमी की रफ्तार से ठंडी हवा चलने लगी। हालांकि तापमान मे अधिक गिरावट नहीं हुई। वेधशाला प्रेक्षक दीपक गुप्ता के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान 30 डिग्री व न्यूनतम तापमान 15.5 डिग्री दर्ज किया गया।
किसानों की पीड़ा
घटि्टया के पास रूदाहेड़ा के किसान जितेंद्र प्रजापत व बमोरी के भारतसिंह ने बताया शाम को एकाएक बादल छाए और बारिश के साथ ओले गिरने लगे। करीब एक घंटे तक बारिश हुई और 20 मिनट से ज्यादा समय ओले गिरे। फसलें पूरी तरह चौपट हो गई। देवास जिले के जवासिया गोहिल के किसान भंवरसिंह ने बताया 4 बजे के लगभग तेज बारिश के साथ पौन घंटे तक नीबू आकार के ओले गिरे, जिससे फसल बर्बाद हो गई। वहीं एक भैंस, चार बकरी मर गई और घरों के कवेलू फूट गए।
खाचरौद के पास नरेड़ी पाता गांव के किसान कुबैर सिंह ने बताया आसपास तेज बारिश व ओलावृष्टि के कारण फसलो को भारी नुकसान हुआ है।
तराना के भीमसिंह पाटीदार ने बताया पिछली बार भी सर्वाधिक नुकसान यहीं हुआ था और इस बार भी ऎसा ही हुआ। फसल पूरी खत्म हो गई, सर्वे फिर से होना चाहिए।