एशिया कप के अपने पहले मैच में बांग्लादेश के खिलाफ शानदार जीत हासिल करने वाली टीम इंडिया के सामने शुक्रवार को श्रीलंका मजबूत चुनौती पेश करेगी. भारत की निगाहें इसी लय को बरकरार रखने की होगी.भारत ने भले ही बांग्लादेश पर छह विकेट से जीत दर्ज की लेकिन उनकी असली परीक्षा श्रीलंका के खिलाफ होगी जिन्होंने गत चैंपियन पाकिस्तान को 12 रन से पराजित किया. दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड से श्रृंखला में मिली निराशाजनक शिकस्त के बाद भारतीय टीम ने परिचित उपमहाद्वीप हालात में वापसी की और 280 रन का लक्ष्य हासिल कर नौ वनडे में पहली जीत दर्ज की.

कार्यवाहक कप्तान विराट कोहली ने 136 रन की पारी खेलकर अंजिक्य रहाणे (73) के साथ 213 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की जिससे भारत ने एशिया कप अभियान में बेहतरीन शुरूआत की. कोहली की बांग्लादेश में शानदार फॉर्म निश्चित रूप से भारत को टूर्नामेंट जीतने का प्रबल दावेदार बना देगी, भले ही विदेशों में उसे कितनी ही निराशा का सामना करना पड़ा हो. कोहली ने यहां 124 के शानदार औसत से 10 मैचों में 868 रन बनाये हैं, जिसमें उनकी पिछले एशिया कप की करियर की सर्वश्रेष्ठ 183 रन की पारी भी शामिल है.

प्रतिभाशाली मध्यक्रम बल्लेबाज रहाणे ने भी न्यूजीलैंड में पांच वनडे में महज 51 रन की असफलता को पीछे छोड़ दिया जिससे भारतीय मध्यक्रम श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ दो अहम मुकाबलों से पहले संतुलित दिखता है.

भारतीय टीम का फाइनल में पहुंचना, इन्हीं दो अहम मुकाबलों के नतीजों पर निर्भर होगा तो कोहली के खिलाड़ियों के पास आराम करने का मौका नहीं होगा. श्रीलंकाई टीम में लसिथ मलिंगा जैसा आक्रामक गेंदबाज मौजूद हैं जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ पांच विकेट हासिल किये. भारत के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी बांग्लादेश के खिलाफ कुछ धमाल नहीं कर सकी लेकिन वे अब कुछ रन जुटाकर अपनी टीम को मजबूत शुरुआत कराना चाहेंगे. धवन की कमजोरी शॉर्ट पिच गेंद हैं और उनकी निराशाजनक बल्लेबाजी ने भारतीय थिंक टैंक को परेशान करना शुरू कर दिया है क्योंकि इस बायें हाथ के बल्लेबाज के पास खुद को साबित करने का समय बीतता जा रहा है. धवन को रहाणे से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने वनडे प्रारूप में खराब फॉर्म के बाद वापसी की.

बांग्लादेश के खिलाफ भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलने वाली अंतिम एकादश में कोई बदलाव नहीं किया, इसमें चोटिल महेंद्र सिंह धोनी की जगह विकेटकीपर दिनेश कार्तिक को शामिल किया और चेतेश्वर पुजारा को बाहर किया गया है. अंबाती रायडू को पुजारा की जगह चुना गया. लेकिन श्रीलंका के खिलाफ महत्वपूर्ण मैच में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कप्तान कोहली अंतिम एकादश में पुजारा को शामिल करने का जुआ खेलेंगे या इसी अंतिम एकादश पर बने रहेंगे.

गेंदबाजी में वरुण एरॉन ने सबसे ज्यादा निराश किया क्योंकि उनकी तेजी ने बांग्लादेशी बल्लेबाज मुश्फिकर रहीम और अनामुल हक की जोड़ी को कभी भी परेशान नहीं किया, इन दोनों ने शतकीय साझेदारी निभा ली. श्रीलंका के खिलाफ एरॉन को अंतिम एकादश में शामिल करने के फैसले पर कायम रखना जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि विपक्षी टीम में कुमार संगकारा और सलामी बल्लेबाज लाहिरू थिरिमाने जैसे फॉर्म में चल रहे खिलाड़ी मौजूद हैं.