तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को लेकर प्रदर्शन जारी
चेन्नई : तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को लेकर प्रदर्शन हिंसक हो गया है। जल्लीकट्टू के समर्थन में सोमवार को राज्य के कई जगहों पर लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। जल्लीकट्टू विवाद खत्म हो गया है लेकिन प्रदर्शन अब भी जारी है। बीते सात दिनों से प्रदर्शन जारी है। बता दें कि प्रदर्शनकारी जल्लीकट्टू विवाद का स्थायी हल चाहते हैं।
चेन्नई के मरीना बीच पर लोगों का प्रदर्शन
है। आज प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की झड़प भी हुई। वहीं, पुलिस ने बाद में मरीना बीच से प्रदर्शनकारियों को हटाना शुरू कर दिया है। चेन्नई में आज कई जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। चेन्नई के अलावा कोयंबटूर, अलंगनल्लूर, थामकुम में भी प्रदर्शन जारी है। जानकारी के अनुसार, चेन्नई में कई जगहों पर आगजनी की गई। मरीना बीच के निकट थाने के वाहनों में भी आग लगाई गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया।तमिलनाडु पुलिस ने जल्लीकट्टू के आयोजन के स्थायी समाधान की मांग को लेकर पिछले एक सप्ताह से मरीना बीच पर प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को आज तड़के हटाना शुर कर दिया। एक परामर्श के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाना शुर कर दिया है। यह कदम ऐसे दिन उठाया गया है जब राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद इस मामले पर चर्चा किये जाने की संभावना है। टीवी फुटेज में खाकी वर्दी पहने पुरष और महिलाएं यहां मशहूर मरीना बीच से प्रदर्शनकारियों को हटा रहे हैं। प्रदर्शनकारी पिछले एक सप्ताह से यहां प्रदर्शन कर रहे हैं जिसका सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और द्रमुक समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है।मरीना बीच पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक अध्यादेश जारी करने के सरकार के फैसले के बावजूद छात्रों और युवाओं का प्रदर्शन जारी है। राज्य के कुछ हिस्सों में सांडों की लड़ाई का यह खेल आयोजित कराया गया। प्रदर्शनकारियों ने इस मुद्दे का स्थायी समाधान मिलने तक अपना प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प जताया है ताकि जल्लीकट्टू का हर साल बिना किसी बाधा के आयोजन किया जा सके।पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को उनका मकसद पूरा होने के कारण उनके ‘अनुशासित और शांतिपूर्ण’ प्रदर्शन को खत्म करने के लिए परामर्श दिया था जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। मीडिया में जारी परामर्श में कहा गया है कि तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को आयोजित कराये जाने पर प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर हजारों युवा, छात्र और आम लोग 17 जनवरी से मरीना में प्रदर्शन कर रहे हैं। यह लोग आम जनता को किसी तरह की असुविधा के बिना और यातायात को बाधा पहुंचाये बिना अनुशासित और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे है।
कोयम्बटूर में भी छात्रों और अन्य प्रदर्शनकारियों को वीओसी पार्क ग्राउंड से जबरन हटाया गया। वे पिछले छह दिनों से यहां प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें उठाकर मैदान से बाहर भेज दिया लेकिन इसके तुरंत बाद वे वहीं लौट आये। जब पुलिस छात्रों को उठा रही थी तो वे ‘वंदे मातरम्’ के नारे लगा रहे थे।उधर, द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने आज मरीना बीच पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की आलोचना की है। प्रदर्शनकारी जल्लीकट्टू पर लगे प्रतिबंध को हटाने और इस समारोह के आयोजन के लिए एक स्थायी समाधान की मांग कर रहे थे। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने एक बयान में कहा कि यह निंदनीय है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने के बजाय विरोध प्रदर्शनों को समाप्त करने के लिए तानाशाही सोच के साथ पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया। स्टालिन ने इस कार्रवाई को ‘अलोकतांत्रिक’ करार दिया है।सुबह हुई पुलिस कार्रवाई में मरीना बीच पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया जा रहा है। गौरतलब है कि राज्य विधानसभा ने राज्यपाल के पारंपरिक संबोधन के बाद आज ही इस मामले पर चर्चा होनी है। प्रदर्शनकारियों में अधिकतर लोग छात्र और युवा हैं। प्रदर्शनकारी शनिवार को लाए गए अध्यादेश को एक अस्थायी उपाय बताते हुए जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक ‘स्थायी समाधान’ की मांग कर रहे हैं।