16 मई 2014, भारतीय राजनीति में वह तारीख थी जिसने इतिहास में जोरदार तरीके से अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. 30 साल बाद भारत की जनता ने केंद्र में किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने का मौका दिया. बीजेपी को मिली इस जीत के शिल्पकार थे नरेंद्र मोदी.
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देश की जनता को नरेंद्र मोदी के रूप में एक ऐसा प्रधानमंत्री दिख रहा था जो कुछ भी संभव करने में सक्षम था. पीएम मोदी के लिए जनता की उम्मीदें ही सबसे बड़ी चुनौती बनीं. उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया. इसके बावजूद उन्होंने कड़े और बड़े फैसले लेने में कोई संकोच नहीं दिखाया. फिर चाहे वह नोटबंदी का फैसला हो या फिर पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक का.

नरेंद्र मोदी ने इस दौरान जनता की जेब से लेकर उनके दिल तक पर अपना राज चलाया. पिछले तीन साल में मोदी राज के असर से देश कैसे बदला हम आपको बताते हैं.
भगवा राज
साल 2014 के बाद अगर बिहार और दिल्ली विधानसभा चुनाव को छोड़ दिया जाए तो बीजेपी ने अपनी राजनीतिक जमीन और मजबूत की है. इस दौरान पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का गौरव हासिल करने में सफल रही. बीजेपी इस समय देश की लगभग 60 फीसदी आबादी पर राज कर रही है. 13 राज्यों में सरकार बनाने के साथ ही पार्टी देश की राजनीतिक की धुरी बनकर न केवल कांग्रेस को अपदस्थ किया, बल्कि विपक्ष के तौर पर भी उसकी भूमिका सीमित कर दी.

मन की बात
नरेंद्र मोदी ने देश की सवा सौ करोड़ जनता से सीधा संवाद स्थापित करने का पुराना माध्यम फिर से जीवंत किया. रेडियो के जरिए पीएम ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरूआत की और हर महीने के आखिरी रविवार को देश की जनता से रूबरू होते हैं. पीएम मोदी की इस पहल ने उन्हें बाकि राजनेताओं से कई आगे कर दिया है.

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स्वच्छ भारत
पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के जरिए देश में सफाई अभियान शुरू किया है. पीएम ने हर क्षेत्र की जानी मानी हस्तियों से इसकी अगुवाई करने की अपील की. इसका असर यह हुआ कि स्वच्छ भारत अभियान अब तक का सबसे बड़ा सफाई अभियान बन गया है.

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इंटरनेशनल मार्केटिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान विदेश नीति पर फोकस किए हुए हैं. दुनिया भर में भारत की ऐसी ब्राण्डिंग पहले कभी नहीं हुई थी. पीएम मोदी ने देश की जनसंख्या को उसकी ताकत की तरह पेश किया. विश्वभर के नेताओं के साथ व्यक्तिगत स्तर पर जुड़ाव बनाकर मोदी ने भारत को जियो-पॉलिटकली बाकी देशों से आगे कर दिया. जरूरत पड़ने पर पीएम मोदी बिना बताए पाकिस्तान भी पहुंचे और जब वक्त आया तो पीओके पर सर्जिकल स्ट्राइक भी की.

नोटबंदी
नोटबंदी को प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल का सबसे बड़ा फैसला कहा जा सकता है. सवा सौ करोड़ देशवासियों को इस बात के लिए राजी कर लेना की वे अपनी सारी नकदी बैंको में जमा करा दें किसी और नेता के बस की बात नही लगती. ये पीएम मोदी पर देश की जनता का भरोसा ही है जिसकी वजह से नोटबंदी जैसा सख्त फैसला बिना किसी आंतरिक विद्रोह के सफल रहा.